डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का बनाया मूड, उपायुक्त को सौंपा मांग पत्र


देवघर(DEOGHAR): लंबित मांगो के समर्थन में IMA और झांसा के बैनर तले चिकित्सक गोलबंद हो कर अब सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने का मूड बना लिया है. अपनी लड़ाई को और अधिक धारदार बनाने के लिए चिकित्सकों ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है. इसी के तहत आज देवघर के चिकित्सकों ने आइएमए कार्यालय में बैठक करने के बाद उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांग पत्र को उपायुक्त को सौंपा. उपायुक्त के कार्यालय में नही रहने के कारण उनके कार्यालय प्रभारी को आवेदन सौंप दिया गया. देवघर आईएमए के अध्यक्ष डॉ डी तिवारी ने अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा.
मांग की जाए पूरी
चिकित्सकों ने मांग की है कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में आवश्यक संशोधन, मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना, बायोमैट्रिक अटेंडेंस से मुक्त करने आदि लागू की जाए. इसके साथ ही जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी के द्वारा सिविल सर्जन जामताड़ा को घसीट कर लाने जैसी अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया है. इसे संज्ञान में लेते हुए आपके स्तर से उचित कार्रवाई की जाए.
डॉक्टरों को दी जाए मुआवजा
इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि धनबाद के डॉक्टर दंपत्ति डॉ विकास हाजरा एवं डॉ प्रेमा हाजारा की आग लगने से आकस्मिक मृत्यु हो गई. धनबाद के ही आशीर्वाद अपार्टमेंट में आग लगने से अकस्मात मृत्यु पर राज्य सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति चार लाख की राशि दिए जाने की घोषणा की गई है. चिकित्सक दंपत्ति को भी राज्य सरकार की तरफ से यह राशि मुहैया कराया जाए. रिम्स रांची के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सौरभ शर्मा कि ड्यूटी जाने के क्रम में सड़क दुर्घटना के कारण अकस्मात मृत्यु हो गई. उन्हें राज्य सरकार की तरफ से चार लाख की राशि दिया जाए. साथ ही उनकी पत्नी डॉ खुशबू, जो खुद चिकित्सक है, उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए. इसके अलावा फायर सेफ्टी के एनओसी के लिए निर्धारित शर्तों को सरल बनाया जाए ताकि सभी अस्पतालों में, जहां पर अंत: विभाग हो, फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम किया जा सके और स्वास्थ्य केंद्र, जहां पर मरीज भर्ती नहीं लिए जाते, वैसे स्वास्थ्य केंद्र को इससे मुक्त रखा जाए.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा, देवघर
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