साहिबगंज(SAHIBGANJ): जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए राज्य में शुरू की गई ममता वाहन योजना में भारी भरकम गड़बड़झाला का सनसनीखेज मामला सामने आया है. वहीं इस योजना में लाखों के नारे-व्यारे किए जा रहे हैं. सब कुछ इतनी सफाई से किया जा रहा है कि इसे पकड़ना मुश्किल ही नहीं बल्कि नाममुमकिन है. वहीं मकड़जाल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों-कर्मचारियों की संलिप्तता से इन्कार भी नहीं किया जा सकता है.
सवालों के घेरे में ममता वाहन योजना
सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में शुरू की गई ममता वाहन योजना इन-दिनों सवालों के घेरे में है. वहीं साहिबगंज जिले के पतना प्रखंड क्षेत्र में संचालित ममता वाहन के रूप में निबंधित टाटा सूमो गोल्ड जेएच 18 सी 8550 कई माह से पश्चिम बंगाल के फरक्का में एक गैरेज में खड़ा है लेकिन पतना सीएचसी के रजिस्टर के अनुसार उक्त वाहन से लगातार गर्भवती महिलाएं अस्पताल लायी और वापस घर पहुंचायी जा रही हैं. इस नाम पर राशि की निकासी भी की जा रही है. यह वाहन पतना प्रखंड के केंदुआ निवासी मनोज साहा के नाम पर निबंधित है जबकि मनोज साहा की पत्नी पतना सीएचसी में एएन एम के पद पर कार्यरत है.
क्या है ममता वाहन योजना:
इस महत्वपूर्ण यो जना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए उनके घर से अस्पताल तक लाने व प्रसव के बाद पुनः घर तक पहुंचाने की व्यवस्था सरकार करती है. जिले में 110 ममता वाहन संचालित हैं, उधवा में 26, राजमहल में 23, बरहेट में 21, बरहड़वा में 15, पतना, बोरियो व मंडरो में छह-छह,साहिबगंज में चार तथा तालझारी में तीन ममता वाहन संचालित हैं. जरूरतमंद को इसके लिए 9939304162 पर कॉल करना पड़ता है. इसके बाद वाहन महिला के घर तक पहुंच जाता है.
इधर जब मामले को लेकर द"न्यूज़ पोस्ट के टी म के द्वारा साहिबगंज के सिविल सर्जन डॉक्टर (सीएस)प्रवीण कुमार संथालिया से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी
मुझे भी प्राप्त हुई है,अभी फिलहाल इस मामले में जाँच का निर्देश दिया गया है. जाँच कर दोषियों पर उचित कानूनी करवाई की जायेगी.
रिपोर्ट: गोविंद ठाकुर
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