रांची(RANCHI): दुर्दांत 'बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों के कब्जे से मुक्त करवाकर झारखंड को अमन-शांति की राह पर लाने वाले पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा सेवानिवृत हो गयें. कार्यकाल के अंतिम दिन नीरज सिन्हा ने सीएम हेमंत से शिष्टाचार मुलाकात की. सीएम हेमंत सोरेन ने शॉल और मोमेंटो प्रदान कर उनकी लंबी उम्र की कामना की, साथ ही स्वस्थ्य़ और खुशहाल जीवन की आशा प्रकट की.
सीएम हेमंत ने कहा कि झारखंड पुलिस को आपके व्यापक अनुभव का लाभ मिला, आपकी पुलिसिंग ने एक नया अध्याय लिखा. झारखंड को लम्बे समय तक अपनी सेवा देने के बाद आज आप सेवानिवृत हो रहे हैं, एक पुलिस पदाधिकारी के रूप में आपका कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है, आशा करते हैं कि आप जीवन के दूसरे दौर में भी बेहद सक्रिय रहेंगे.
जैप ग्राउंड में दी गयी विदाई
इस अवसर पर आयोजित विदाई समारोह में जैप ग्राउंड में जवानों ने उन्हे सलामी दी. उपस्थित जवानों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए डीजीपी नीरज सिन्हा अपनी भावुकता को रोक नहीं सके, बेहद गमगीन शब्दों में उन्होंने कहा कि मेरा दिल हमेशा पुलिस के लिए ही धड़कता रहेगा. और आज के बाद भी झारखंड पुलिस के हर सुख-दुख में मैं शामिल रहूंगा. मैं कल भी आपके साथ ही रहूंगा.
बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों के कब्जे से मुक्त करवाना बड़ी कामयाबी
डीजीपी नीरज सिन्हा की बड़ी उपलब्धि पलामू के बूढ़ा पहाड़ पर पुलिस का झंडा फहराना था, वह झारखंड के पहले डीजीपी थें, जिनके द्वारा बूढ़ा पहाड़ पर कदम रखा गया था. उनके पहले तक बूढ़ा पहाड़ का नाम सुनकर पुलिस वाले भी सिहर उठते थें. बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना माना जाता था. नक्सलियों के द्वारा इस पहाड़ को कब्जा करने की सारी योजना पर पानी फेर दिया जाता था, कई दिनों तक दोनों के बीच मुठभेड़ होती थी, पहाड़ पर कब्जा की कोशिश में पुलिस को कई बार भारी नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन आखिरकार डीजीपी नीरज सिन्हा के नेतृत्व में यह सफलता मिल गयी.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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