धनबाद(DHANBAD): युवा पीढ़ी धनबाद कोयलांचल के बुधन राम को कितना जानती है, यह तो नहीं कहा जा सकता. लेकिन उजला धोती और कुर्ता पहनने वाला यह आदमी अपने आप में विचित्र सोच का था. कोयलांचल की सड़कों पर जब वह चलते तो लोग उनके बारे में कई चर्चाएं करते. लेकिन उन चर्चाओं का कोई असर बुधन राम पर नहीं पड़ता था. खासकर जब कोई भी चुनाव आता तो बुधन राम की चर्चा कोयलांचल में खूब होती थी. झरिया के लोदना क्षेत्र के रहने वाले थे बुधन राम. कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई बीसीसीएल में काम करते थे. वह चुनाव में नामांकन के लिए जाने गए.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ अमेठी से किया था नामांकन
अमेठी से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ भी उन्होंने नामांकन किया था. उस नामांकन के बाद तो उन्हें सुरक्षा भी दी गई थी. लेकिन अपनी सुरक्षा से वह परेशान हो गए थे. केवल चुनाव लड़ने के कारण ही उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. वह बरारी कोलियरी में काम करते थे. जानकारी के अनुसार 2015 में उनकी बीमारी की वजह से मौत हो गई. 2024 का विधानसभा चुनाव चल रहा है. बुधन राम को जानने वाले कहते हैं कि अगर वह जीवित होते तो आज भी चर्चा में होते. 1984 से लेकर 2009 तक के विधानसभा, लोकसभा, सरपंच और मुखिया के चुनाव तक में उन्होंने नामांकन किया था. एक आंकड़े के मुताबिक उन्होंने अपने जीवन काल में कुल 79 बार नामांकन किया था.
हमेशा किसी दल से नहीं ,निर्दल नामांकन करते रहे
यह नामांकन उन्होंने किसी पार्टी से नहीं, बल्कि निर्दल ही किया था. कोई चुनाव वह जीत नहीं पाए थे. लोग बताते हैं कि 1984 में वह लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा था. उसके बाद विधानसभा के लिए भी चुनाव लड़ना शुरू किया. राष्ट्रपति चुनाव तक के लिए भी नामांकन किया था. हालांकि इसके लिए वह अयोग्य घोषित कर दिए गए. जब नामांकन की राशि बढ़ाई गई थी तो उनमें मायूसी हुई थी. क्योंकि खर्च अधिक हो रहा था. लोग बताते हैं कि आज अगर वह जीवित होते तो विधानसभा का चुनाव भी जरूर लड़ते. कोयलांचल की सड़कों पर तरह-तरह से वह चुनाव प्रचार करते हर चुनाव में दिख जाते थे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+