धनबाद(DHANBAD) | धनबाद में अगर आप किसी एटीएम से पैसा निकालने जाते हैं तो होशियार रहिए, अन्यथा आपकी राशि दूसरों की जेब में चली जाएगी. ऐसा करने वाले यहाँ कई संगठित गिरोह सक्रिय है. यह गिरोह एटीएम के आसपास मड़राते रहता है और मौका मिलते ही आपकी रकम को अपनी जेब में डालकर चलते बनता है. आप समझते हैं कि मशीन से राशि निकली ही नहीं है, लेकिन राशि निकलती भी है, आपके मोबाइल पर मैसेज भी आता है, लेकिन पैसा आपके हाथ में नहीं आता है. ऐसी ही एक घटना बुधवार को खनन अनुसंधान केंद्र के अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक के साथ हुई है. धनबाद के जनता मार्केट हाउसिंग कॉलोनी के सामने की बगल वाली ए टीएम से पैसा निकालने पहुंचे. पूरा ऑपरेशन करने के बाद रुपया निकालने की मशीन से आवाज आई. परंतु रुपया बाहर नहीं आया. फिर जब ध्यान दिया तो पता चला कि मशीन के कैश आउट स्लॉट पर दो स्ट्रिप सटे हुए थे. दोनों को बहुत बढ़िया ढंग से चिपकाये हुए थे.
एटीएम में स्ट्रिप साटकर की जा रही ठगी
जब दोनों स्ट्रिप को उन्होंने हटाया तो देखा कि पैसा उसमें फंसा है. फिर उन्होंने रुपया निकला और दोनों स्ट्रिप को नष्ट कर दिया. दिक्कत यह है कि प्राय लोग समझते हैं कि एटीएम से रुपया निकला नहीं और वह बाहर आ जाते है. सोचते है कि मशीन में कुछ गड़बड़ी हुई होगी. यह सोचकर लोग एटीएम से बाहर आ जाते है. उसके बाद स्ट्रिप लगाने वाले ठग पहुंचते हैं और रुपया लेकर निकल जाते है. बहुत सारे लोग इसकी शिकायत नहीं करते है. धनबाद या अगल-बगल के जिलों में यह कोई पहली घटना नहीं है. रिमोट इलाके में तो ऐसी घटनाएं अधिक होती है. कोलियरी क्षेत्रों में लगी एटीएम में इस तरह की छेड़छाड़ ज्यादा की जाती है. लोगो को जितना सजग होना चाहिए ,होते नहीं. जिस वजह से ठगी करने वालों को सहूलियत होती है.वैसे इस तरह के अपराध करने वाले हमेशा ताक में रहते है. वैसे भी धनबाद साइबर अपराध को लेकर बदनाम हो गया है.बगल के जिले जामताड़ा की पाठशाला से निकले साइबर अपराधी पूरे देश में फैल गए है. झारखंड में फिलहाल देवघर जिला सबसे आगे आगे चल रहा है. यहां साइबर अपराधियों की सक्रियता अपेक्षाकृत अधिक है. धनबाद भी साइबर अपराधियों के निशाने पर है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+