Dhanbad : रांगाटांड़ सड़क दुर्घटना के बाद क्यों उठ रहे चुभते सवाल -पूछा जा रहा क्या धनबाद को सांप सूंघ गया है ?

धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के रांगाटांड़ में रविवार की सुबह हुई सड़क दुर्घटना मानवता को लगातार झकझोर रही है. एक बेटी तो मां के साथ दुर्घटना में चल बसी, दूसरी बेटी अपने चाचा के घर रह रही है और भाई का चेन्नई से पहुंचने का इंतजार कर रही है. इधर, इस घटना पर बैंक मोड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रमोद गोयल ने सवाल उठाया है. पूछा है कि आखिर हम आगे कैसी व्यवस्था के बारे में सोच रहे है? उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि मेरी ताकत नहीं कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ कह सकू और न ही कहना चाहूंगा, लेकिन मां -बेटी की मौत ने मन को झकझोर दिया है. जेहन में कई सवाल उभर रहे है.
पुलिस बल की कमी की बात पर उठ रहे सवाल
ट्रैफिक विभाग हमेशा कहता है कि उसके पास पुलिस बल की कमी है, लेकिन बैंक मोड़ में 100 मीटर पर दो-दो जगह, रांगाटांड़ में पूजा टॉकीज के पास वाहन जांच के नाम पर एक दो नहीं, कई कई जांबाज मुस्तैदी से वाहन पकड़ने में व्यस्त रहते है. उनका ट्रैफिक कंट्रोल से कोई सरोकार नहीं रहता है. कहा है कि मैं किसी मुद्रदोहन पर चर्चा नहीं करूंगा, लेकिन मानवता की उम्मीद तो करता ही हूं, एक बदहवास ट्रक कैसे घुसा, कैसे भागा, उस समय वहां पर ऑन ड्यूटी किसकी प्रतिनियुक्ति थी. वो कहां थे, इसकी जांच पड़ताल जरूरी है. मां बेटी यानी दो पीढ़ी खत्म हो गई, लेकिन किसी पर कोई अंतर नहीं पड़ रहा है. जबकि उपराष्ट्रपति का वाहन इसी मोड़ पर 10 सेकंड रुक गया था. उन्होंने कहा है कि देश की आम निरीह जनता पर भी थोड़ी सहानुभूति की जरुरत है. लेकिन क्या कोई इसकी चिंता करेगा ?
एक बहन भाई के इंतजार में बैठी है
बता दें कि रांगाटांड़ श्रमिक चौक पर रविवार को सड़क हादसे में शिकार हुई सिंदरी कांड्रा बस्ती की हेमा देवी और उसकी पुत्री सुहानी का शव पोस्टमार्टम के बाद पहुंचते ही गांव में मातम पसर गया. रिश्तेदारों ने रविवार की रात में ही उनका दास संस्कार कर दिया. मृतक हेमा देवी का पुत्र रघुवीर सिंह मां और बहन की मौत की खबर पाकर चेन्नई से सिंदरी के लिए चल दिया है. परंतु अभी तक पहुंचा नहीं है. हो सकता है कि आज पहुंचे. इधर, हेमा देवी की बड़ी बेटी जूही अपने पड़ोस स्थित अपने चाचा के घर पर रह रही है. जूही अपने भाई के आने का इंतजार कर रही है. उसकी आंखों से आंसू थम नहीं रहे हैं मां और बहन को याद कर लगातार रो रही है. पीड़ित परिवार को ढांढस बधाने के लिए लोगों का आना-जाना लगा हुआ है. अपने भाई के आने का इंतजार में बैठी यह बच्ची कभी रो लेती है तो कभी गुमशुम हो जाती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+