धनबाद(DHANBAD): धनबाद के चांदमारी में एक 10 साल की बच्ची को पैसा चोरी के आरोप में रस्सी से बांधकर पीटा गया. उसे गर्म छड़ से दागा गया. ऐसा करने वाला मनुष्य तो नहीं, कोई राक्षस ही हो सकता है. यह जिसकी करतूत थी, उसका पता चल गया है. अब वह पुलिस के कब्जे में होगा. धनबाद में बच्चों पर अत्याचार की दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आती रहती है. हाल ही के दिनों में एक 12 साल के बच्चे को मार कर बोरे में भरकर उसके घर के पीछे फेंक दिया गया था. घटना का कारण यह था कि बच्चे के परिवार से हत्या करने वाले ने ₹70000 कर्ज लिए थे. वह पैसा लौटा नहीं रहा था. इसी बात पर विवाद हुआ. बात इतनी ही नहीं है, हाल वर्षों में धनबाद के रेलवे स्टेशन के आरक्षण काउंटर के पास लावारिश हालत में एक बच्चे को घायल अवस्था में बरामद किया गया था. उसकी मेडिकल जांच में पाया गया कि उसके उसके सिर के अंदर रक्त के थक्के जमे हुए है. उसके हाथ ,पैर भी टूटे हुए थे.
मारने वाले से बचाने वाले के हाथ लम्बे होते
उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, उसका इलाज हुआ फिर ठीक हुआ. यही से उसकी किस्मत ने पलटी मारी और एक शिक्षित परिवार ने उसे गोद ले लिया. यह तो उसकी किस्मत थी, अन्यथा "राक्षस" ने तो उसे मरा समझ कर ही फेंका था. इधर, 10 साल की बच्ची को अस्पताल में होश आ गया है.दो दिन पहले हावड़ा मोटर के पास से बरामद की गई थी. सीडब्लूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने इस मामले में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से बातचीत की . मुखर्जी के अलावा ज़िला बाल संरक्षण पदाधिकारी साधना कुमारी , डीएलएसए के पीएलवी चंदन कुमार भी अस्पताल गये तथा बच्ची से बातचीत की .बच्ची ने बताया पहले वह लोग छाईगदा में रहते थे. उसके माता पिता गुज़र गए हैं. जब सीडब्लूसी ने पुनर्वासित करने के लिए उसे बुलाया तो उसकी नानी सुनीता देवी उसे लेकर चांदमारी चली गई.बच्ची को चांदमारी में ही एतवारी नामक व्यक्ति ने पैसा चोरी का इल्ज़ाम लगाकर रस्सी से बांधकर उसकी पिटाई की और गर्म छड़ से दागा.
सीडब्लूसी अध्यक्ष ने इस संबंध में एसएसपी को लिखा पत्र
सीडब्लूसी अध्यक्ष ने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखा है तथा सभी संबंधित थानों को समन्वय कर पीड़िता को न्याय दिलाने का निर्देश दिया है. बैंक मोड़ व धनसार के थाना प्रभारी ने पूरे मामले पर सीडब्लूसी अध्यक्ष से बातचीत की है. बैंक मोड़ और सरायढेला थाने की पुलिस ने अस्पताल में जाकर पीड़िता का बयान लिया है.बच्ची का एक भाई तीन साल पहले स्टेशन से ही रेस्क्यू हुआ था. काफ़ी मशक़्क़त के बाद भी परिजन नहीं मिल पा रहे थे. सीडब्लूसी की पहल पर स्पॉट विजिट कराने के समय कुछ माह पूर्व फ़िल्म बजरंगी भाईज़ान की तरह अपने भाई की पहचान की थी. बच्ची के मातापिता का निधन हो चुका है. सीडब्लूसी अध्यक्ष ने कहा कुछ माह पूर्व ही बच्ची को भी उसके भाई के साथ मुख्य धारा में लाने की कोशिश हुई थी. हालाँकि नानी बच्ची को लेकर ठिकाना बदल लिया था.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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