धनबाद(DHANBAD) | बिजली कटौती में डीवीसी की मनमानी बर्दाश्त करने से फिलहाल झारखंड के तीन जिलों को छुटकारा मिल गया है. यहां अब बिजली सस्ती भी मिल सकती है. हालांकि दर का निर्धारण तो नियामक आयोग करेगा. इन जिलों में धनबाद, बोकारो और रामगढ़ शामिल है. इस प्रयास से झारखंड के धनबाद सहित तीन जिलों को बड़ी राहत मिली है. चंदनकियारी - गोविंदपुर ट्रांसमिशन लाइन के बन जाने के बाद इसे गोविंदपुर ग्रिड से जोड़कर शनिवार की रात से बिजली प्रवाह शुरू कर देने का दावा किया गया है.
तीन ज़िलों को मिलेंगे फायदे
धनबाद, रामगढ़ और बोकारो को इससे कई फायदे होंगे. अब सीधे नेशनल ग्रिड से इस ट्रांसमिशन लाइन को बिजली मिलने लगेगी. नेशनल ग्रिड से ट्रांसमिशन लाइन होते हुए बिजली पहुंचाने पर यह सस्ती होती है. यह बात अलग है कि धनबाद, रामगढ़ और बोकारो को कितनी कम दर पर बिजली मिलेगी, इसका निर्धारण तो नियामक आयोग ही करेगा. लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि बिजली की दर लगभग आधी हो जाएगी. मतलब एनटीपीसी से अब सीधे गोविंदपुर ग्रिड को बिजली मिलेगी. फिलहाल डीवीसी करीब 6 रुपए प्रति यूनिट की दर से झारखंड बिजली संचार निगम को देता है. 132 केवी का चंदनकियारी - गोविंदपुर ट्रांसमिशन लाइन है. इस लाइन की लंबाई 67.3 किलोमीटर है.
बने है कुल 275 टावर,कुछ बंगाल में है
कुल 275 टावर बनाए गए है. 5. 5 किलोमीटर लाइन और 24 टावर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में है. यह लाइन बोकारो के दुबेकाटा मोड, बरमसिया, मोडीडीह, मुक्तापुर ,चांदीपुर कुसुमकियारी , पालकीरी और पुरुलिया जिले के प्रेमसिंहडीह, इचार और धनबाद के सिंदरी, छाताटांड़, जियलगोड़ा , तेतुलियाटांड़, सह जोड़ी के पास से गुजरी है. डीवीसी पर निर्भरता को खत्म करने के लिए यह सब प्रयास शुरू किए गए है. फिलहाल धनबाद बोकारो और रामगढ़ जिले की निर्भरता डीवीसी पर खत्म हो गई है. योजना के मुताबिक डीवीसी कमांड एरिया में जल्द ही तीन और ग्रिड सब स्टेशन बनाने की योजना है. इसके बाद झारखंड की डीवीसी पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. जो भी हो इस व्यवस्था को अगर सही ढंग से लागू किया गया तो बहुत हद तक बिजली संकट पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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