धनबाद(DHANBAD): धनबाद रेल मंडल चालू वित्तीय वर्ष में भी इतिहास बनाने के करीब पहुंच गया है. राजस्व कलेक्शन में इस वित्तीय वर्ष में भी देश के सभी रेल मंडलों से आगे रहेगा, यह बात अब पूरी तरह से तय हो गई है. जानकारी के अनुसार धनबाद रेल मंडल 25 करोड़ के आंकड़े को भी पार करेगा.
इस तरह राजस्व आय में एक बार फिर धनबाद रेल मंडल का डंका पूरे देश में बज गया
धनबाद रेल मंडल 26 मार्च तक लोडिंग से प्राप्त आय में 24 ,640 करोड़ रुपए की आमदनी कर चुका है. पिछले साल धनबाद रेल डिवीजन लगभग 23000 करोड रुपए कमाए थे. अनुमान है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति के दिन तक धनबाद आसानी से 25,000 करोड रुपए का आंकड़ा छू लेगा. दूसरे नंबर पर बिलासपुर मंडल ने अब तक 20 हजार 500 करोड रुपए और चक्रधरपुर डिवीजन ने 26 मार्च तक 13000 करोड रुपए की आमदनी की है. इस तरह राजस्व आय में एक बार फिर धनबाद रेल मंडल का डंका पूरे देश में बज गया है. वित्तीय वर्ष अब समाप्ति पर है लेकिन धनबाद डिवीजन ने आय कि इतनी लंबी लकीर खींच दी है कि अब उससे आगे किसी के लिए भी निकलना संभव नहीं दिख रहा है .लगातार दूसरी बार धनबाद डिवीजन लोडिंग के साथ-साथ कमाई में भारतीय रेल का मुकुट बन चुका है. धनबाद डिवीजन इतना आगे निकल चुका है कि 31 मार्च 2024 तक कोई उसके अगल-बगल भी नहीं टिक पाएगा. धनबाद डिवीजन इस वित्तीय वर्ष में 27 मार्च तक 187 मिलियन टन लोडिंग कर इतिहास बनाया है. भारतीय रेल में आज तक किसी भी डिवीजन ने इतनी लोडिंग नहीं की है.
धनबाद लोडिंग डिवीजन है, इसलिए यात्री ट्रेन धनबाद से शुरू नहीं की जाती
बिलासपुर मंडल 27 मार्च तक 169 मिलियन टन लोडिंग के साथ इस बार फिर दूसरे नंबर पर रहा . धनबाद रेल मंडल तो अपनी जिम्मेवारी आय के मामले में निभा रहा है, लेकिन लोडिंग से आय का रिकॉर्ड ही धनबाद के लिए नई ट्रेनों की राह में रोड़ा बन जाता है .कहा जाता है कि धनबाद लोडिंग डिवीजन है, इसलिए यात्री ट्रेन धनबाद से शुरू नहीं की जाती है. अगल-बगल के स्टेशनों से भले ही ट्रेन मिल जाए ,लेकिन धनबाद को ट्रेन नहीं मिलती है. धनबाद के लोग 20 साल से भी अधिक समय से धनबाद से दिल्ली तक की सीधी ट्रेन की मांग कर रहे हैं. लेकिन उन्हें आज तक नहीं मिला. इसके अलावे भी बैठकों में लगातार धनबाद से चलने वाली ट्रेनों में छेड़छाड़ का विरोध किया जाता है, लेकिन इसका कोई असर नहीं होता है .देखना है कि लगातार दूसरी बार धनबाद डिवीजन की उपलब्धि का इसे क्या कुछ लाभ मिल पाता है ,क्या रेलवे बोर्ड की अधिकारियों की नींद खुलती है ,धनबाद में यात्री सुविधाओं के लिए रेलवे कुछ करता है या फिर सब कुछ पुराने ढर्रे पर चलता रहेगा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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