बेटी के जन्म पर गाजे बाजे के साथ सजा वाहन लेकर अस्पताल पहुंच
धनबाद(DHANBAD): अगर कोई कोख में बेटी मारने का सोच भी रहा है, तो उनके मुंह पर धनबाद के इस एक परिवार ने करारा तमाचा मारा है. बेटी पढ़ाओ ,बेटी बचाओ का नारा कहा कितना सफल है, यह तो देखने- समझने की बात है. लेकिन सोमवार को बेटी पैदा होने का एक सुखद नजारा धनबाद में देखने को मिला. पुटकी का एक परिवार बेटी पैदा होने की खुशी से झूम उठा. परिवार का मानना है कि घर में साक्षात लक्ष्मी पधारी है. परिवार वाले अस्पताल से घर ले जाने के लिए गाजे बाजे के साथ सजा वाहन लेकर अस्पताल पहुंच गए. अशोक सिंह की पत्नी प्रिया देवी ने धनबाद के हाउसिंग कॉलोनी में डॉक्टर यू एस प्रसाद की क्लीनिक में बेटी को जन्म दिया.
परिवार की खुशी देखने लायक थी
बेटी के जन्म होने के बाद परिवार की खुशी देखने लायक थी. पिता सहित अन्य लोग बैंड बाजे के साथ सजी-धजी गाड़ी लेकर अस्पताल पहुंच गए. डॉक्टर यू एस प्रसाद का कहना है कि परिवार की खुशी देखने लायक थी. यह परिवार अस्पताल जाकर समूचे कर्मचारियों के साथ खुशियां मनाई. दृश्य देखकर लोग समझ रहे थे कि बेटा हुआ है, इसलिए परिवार इसका स्वागत कर रहा है. लेकिन जब लोगों को पता चला कि बेटी के जन्म पर इस तरह का जश्न मनाया जा रहा है तो लोगों ने इस पहल की सराहना की.
बेटा के बाद हुई है बेटी
अशोक कुमार सिंह को इसके पहले एक बेटा है. अब उनके घर में लक्ष्मी आई है. झारखंड में अगर लिंगानुपात की बात करें तो प्रत्येक 1000 युवकों पर लगभग 950 लड़कियां जन्म लेती है. यह बात अलग है कि भ्रूण हत्या रोकने के लिए लगातार प्रचार किया जा रहा है. आध्यात्मिक तौर पर भी इसे पाप नहीं महापाप कहा जाता है. बेटा और बेटी को बराबर समझना को प्रोत्साहित किया जाता है बावजूद बेटियों के जन्म लेने पर लोग नाक- भौ बहुत जरूर सिकुड़ते है. लेकिन सोमवार का धनबाद में जो नजारा दिखा ,वह बहुतों को रास्ता दिखाने वाला है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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