धनबाद(DHANBAD): धनबाद के अस्पतालों में नगर निगम का पत्र पहुंच गया है. सॉफ्टवेयर में थर्ड जेंडर का विकल्प दे दिया गया है. अब धनबाद नगर निगम में थर्ड जेंडर का भी जन्म प्रमाण पत्र बनेगा. वैसे, केंद्र सरकार ने थर्ड जेंडर को समाज में बराबरी का सम्मान दिलाने के लिए पहल शुरू कर दी है. केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए सॉफ्टवेयर सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम में थर्ड जेंडर का भी कलम जोड़ा गया है. अब तक लिंग निर्धारण वाले कॉलम में केवल लड़के और लड़कियों का ही विकल्प आता था. लेकिन अब थर्ड जेंडर का भी विकल्प जोड़ दिया गया है.
केंद्र सरकार ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के नियमों में बदलाव किया है
केंद्र सरकार ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के नियमों में बदलाव किया है. इसमें एक नया कलम थर्ड जेंडर के लिए भी जोड़ा गया है. धनबाद नगर निगम ने इसकी शुरुआत कर दी है. पूरे देश में थर्ड जेंडर को सामाजिक रूप से बराबरी का दर्जा देने की कोशिश के रूप में इसे देखा जा रहा है. बताया जाता है कि सरकार के इस नियम के आने के बाद धनबाद नगर निगम ने सभी निबंधित अस्पतालों को इसकी सूचना भेज दी है. कहा है कि अगर कोई बच्चा थर्ड जेंडर का होता है तो लिंग पहचान करने वाले कॉलम में उसे भरकर भेजा जाय.
धनबाद के एक अस्पताल से निगम को आई है रिपोर्ट
यह भी सूचना निकलकर आई है कि धनबाद के एक अस्पताल ने रिपोर्ट भेजी है. जिसमें बच्चों को थर्ड जेंडर बताया गया है. प्रमाण पत्र अभी तैयार नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार धनबाद नगर निगम में हर दिन एवरेज 100 से अधिक जन्म प्रमाण पत्र के आवेदन आते है. बच्चों के जन्म के 21 दिन के भीतर आवेदन देने पर निगम के स्तर से जन्म प्रमाण पत्र बन जाता है. 21 दिन से लेकर एक साल के अंदर आवेदन करने पर निगम के रजिस्ट्रार द्वारा जिला सांख्यिकी पदाधिकारी से विलंब से निबंधन के लिए स्वीकृति प्रदान करने के बाद प्रमाण पत्र बनाया जाता है. मतलब अगर थर्ड जेंडर की अस्पताल से सूचना निगम को पहुंचती है, तो उनका भी जन्म प्रमाण पत्र बनेगा.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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