धनबाद(DHANBAD): झारखंड के चर्चित विधायक सरयू राय के समर्थक कह रहे हैं कि वह तो धनबाद आना नहीं चाहते थे ,लेकिन भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो ने निमंत्रण देकर बुलाया है. इसका मतलब है कि विधायक सरयू राय धनबाद लोकसभा से चुनाव लड़ने का मन बना चुके है. यह अलग बात है कि कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा ने अभी पेंच फंसा कर रखा है. शायद सरयू राय भी इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं कि कांग्रेस किसे टिकट देती है. वैसे लोकसभा चुनाव के बहुत पहले से ही धनबाद में सरयू राय की सक्रियता थी. सरयू राय भी इशारों- इशारों में सांसद पशुपतिनाथ सिंह के बारे में कुछ कहते थे तो पशुपतिनाथ सिंह भी उसी लाइन में जवाब देते थे. लेकिन एक घटना ने नया मोड़ दे दिया और अब सरयू राय के समर्थक कह रहे हैं कि उन्हें तो भाजपा प्रत्याशी ही बुला रहे है. 2019 का विधानसभा चुनाव का उदाहरण भी दे रहे है.
2019 में पूर्व रघुवर दास को हराये थे सरयू राय
कह रहे हैं कि 2019 में अगर उस समय के मुख्यमंत्री रघुवर दास टिकट कटवाने पर नहीं अडे होते तो सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव नहीं लड़े होते. और रघुवर दास को चुनाव नहीं हारना पड़ता. बहरहाल ,अगर धनबाद से चुनाव लड़ते हैं तो उनकी क्या स्थिति होगी, इसको लेकर लोग अपने ढंग से गुणा भाग कर रहे है. हालांकि सब कुछ निर्भर करेगा कि कांग्रेस धनबाद लोकसभा से किसे उम्मीदवार बनाती है. वैसे भी झारखंड में भाजपा ने इस बार राजपूतों की अनदेखी की है. इस वजह से राजपूत भी नाराज चल रहे है. बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को पशुपतिनाथ सिंह का टिकट काटकर देना भी पीएन सिंह समर्थकों को नहीं पच रहा है. हालांकि विरोध के स्वर उठने शुरू हुए थे लेकिन अभी धीमा पड़ गए है. लेकिन इतना तो तय है कि भाजपा के नाराज कार्यकर्ता सामने आकर न सही लेकिन भीतर ही भीतर वह नाराज है.
भाजपा प्रत्याशी ने तेज किया चुनाव प्रचार
वैसे ढुल्लू महतो तो चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. 30 अप्रैल को वह नामांकन करेंगे. सरयू राय ने अभी फाइनल घोषणा नहीं की है कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं. लेकिन चुनाव लड़ेंगे की संभावना अधिक है. वैसे, धनबाद लोकसभा सीट पर चार विधानसभा क्षेत्र की मजबूत पकड़ रहती है. उन विधानसभा क्षेत्र में निरसा , धनबाद, झरिया और बोकारो के नाम लिए जाते है. चार विधानसभा क्षेत्र में जिसकी पकड़ मजबूत होगी, वही धनबाद से चुनाव जीतेगा. वैसे, इन चार में से तीन पर अभी भाजपा का कब्जा है. झरिया सीट कांग्रेस के पास है. लेकिन झरिया में भाजपा की राजनीति सिंह मेंशन की बहू रागिनी सिंह करती है. ऐसे में अगर सरयू राय धनबाद लोकसभा से उम्मीदवार होते हैं तो उन्हें चार विधानसभा क्षेत्र को साधना होगा. वैसे धनबाद जिले में लगभग 55% आबादी शहर में बसती है और बाकी के लोग ग्रामीण इलाकों में रहते है.
कांग्रेस के पैराशूट उम्मीदवार को मिले थे लगभग 3. 50 लाख वोट
कांग्रेस और भाजपा का भी अपना वोट बैंक है. क्योंकि बिना बहुत प्रयास किये ही 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पैराशूट उम्मीदवार कीर्ति आजाद को लगभग 3:50 लाख वोट प्राप्त हुए थे. भाजपा भी रिकॉर्ड मतों से जीती थी. यह बात भी तय है कि धनबाद लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी देगी ही. ऐसे में अगर सरयू राय धनबाद से उम्मीदवार होते हैं तो त्रिकोणीय संघर्ष की पूरी संभावना है. फिर शहरी वोटों पर कब्जे के प्रयास होंगे. फिलहाल ढुल्लू महतो और सरयू राय में कोल्ड वॉर चल रहा है. सरजू राय ढुल्लू महतो के आपराधिक इतिहास का विवरण सार्वजनिक करते हुए भाजपा नेतृत्व से सवाल पूछ रहे है. साथ ही अपने समर्थकों का मन भी टटोल रहे है. सरयू राय के समर्थक भी अभी बहुत कुछ साफ-साफ नहीं बोल पा रहे है. लेकिन इतना तो कह रहे हैं कि अगर सरयू राय चुनाव में उतरे तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है, और शहरी क्षेत्र के मतदाताओं को विश्वास में लेने की कोशिश तेज हो सकती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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