धनबाद(DHANBAD): पारसनाथ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के प्रस्ताव को लेकर धनबाद के जैन समाज में काफी रोष है. सम्मेद शिखरजी को तीर्थ स्थल ही रहने देने की मांग को लेकर रविवार को मटकुरिया जैन मंदिर में जैन समाज के लोगों की बैठक हुई. बैठक के दौरान पर्यटन स्थल घोषित करने की अनुशंसा का विरोध किया गया. वक्ताओं ने कहा कि सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का प्रभाव दिखने लगा है. लोग वहां पर पिकनिक करने जाने लगे हैं. मांस और मदिरा का सेवन शुरू हो गया है .जो जैन परिवार वहां तीर्थ यात्रा के लिए आते हैं, जो साधु संत वहां अपनी साधना कर रहे हैं ,उन्हें इससे परेशानी होने लगी है .इसके साथ ही हमारे तीर्थ की पवित्रता खत्म हो रही है. सम्मेद शिखरजी जैन धर्म के 24 तीर्थ करो में से 20 तीर्थ करो की मोक्ष भूमि है. यह लाखों साधुओं की मोक्ष भूमि है. जैन समाज का कहना है कि पूरा सम्मेद शिखर पर्वत और आसपास का इलाका पुण्य भूमि है और सरकार को इसे उसी तरह रहने देना चाहिए. जैन समाज अपने तीर्थ क्षेत्र को बचाने के लिए शांतिपूर्वक सड़क पर है. निर्णय लिया गया है कि 7 दिनों के अंदर धनबाद के जैन समाज के लोग महिलाओं और बच्चों के साथ मौन जुलूस निकालेंगे. उपायुक्त को ज्ञापन देकर अपनी बातें रखेंगे. देखना है जैन समाज के विरोध के बाद आगे क्या होता है. इधर जैन संघ धनबाद का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा. मांग की गई है इसकी पवित्रता नष्ट नहीं की जाए.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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