धनबाद की टुंडी की गुहार सुनिए हुजूर, सुख और चैन तो छीन लिया है हाथियों ने,अब तो भगवान को भी जबरन छीन रहे 

धनबाद की टुंडी की गुहार सुनिए हुजूर, सुख और चैन तो छीन लिया है हाथियों ने,अब तो भगवान को भी जबरन छीन रहे