धनबाद(DHANBAD): आप तो धनतेरस और दीपावली मना रहे हैं, लेकिन हमारी हालत क्या बन गई है, इसको भी देखिए हुजूर. यह गुहार धनबाद की टुंडी का है. पिछले दो-तीन दिनों से गिरिडीह के पीरटांड़ इलाके से पहुंचे जंगली हाथियों के झुंड ने पश्चिमी टुंडी में तांडव मचा रखा है. फसल को तो नष्ट किया ही, अब भगवान को भी नहीं छोड़ रहे हैं. ग्रामीण दिन-रात जाग कर सुरक्षा की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुछ हो नहीं पा रहा है. हाथियों ने फसल को तो बर्बाद किया ही, बजरंगबली की मूर्ति और काली मंदिर को भी तोड़ डाला. हाथियों के उत्पात से टुंडी के लोग त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं .
वन विभाग की टीम नाकाम
वन विभाग की टीम हाथियों के पीछे दौड़ तो रही है लेकिन असहाय दिख रही है. उनका भी कुछ नहीं चल रहा है. हाथियों का झुंड दिन में जंगल में आराम करते हैं और अंधेरा होते ही जंगल से बाहर निकल कर खेत और गांव में पहुंचकर फसलों को नष्ट कर रहे हैं. धान की फसल को लगभग रौंद डाला है .वैसे भी झारखंड में धान ही मुख्य फसल है और किसान अपनी आंखों के सामने फसल की बर्बादी देख रहे हैं. उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि अब वह क्या करें, किससे गुहार करें, किसके पास जाएं. टुंडी इलाके में हाथियों का आतंक कोई पहली बार नहीं हुआ है लेकिन इस बार हाथी जमे हुए हैं. माशालचियों के उपाय से भी नहीं भाग रहे हैं. वन विभाग ने हाथियों से बचाने के लिए लंबी चौड़ी घोषणाएं की थी लेकिन उन घोषणाओं का भी कोई असर हाथियों के उत्पात पर नहीं पड़ रहा है.
हर मिनट, हर सेकंड टुंडी के लोगों के लिए संकट
टुंडी के लोग लाचार और विवश दिख रहे हैं. हाथियों का यह झुंड काफी आक्रामक भी है. वन विभाग की टीम हाथियों को भगाने में नाकाम साबित हो रही है. लोग रात दिन जाग रहे हैं, उन्हें डर है कि हाथी कब और किधर से आकर घर तोड़ देंगे ,संपत्ति बर्बाद कर देंगे, यह कहना मुश्किल है. थोड़ी भी आहट होने के बाद लोग यही समझ बैठते हैं कि हाथियों का झुंड आ गया .हर मिनट ,हर सेकंड टुंडी के लोगों के लिए संकट में बीत रहा है.
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