धनबाद(DHANBAD) | कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेता अधीर रंजन चौधरी मार खाये लोगो को मनाने के लिए घर-घर घूम रहे है. संगठन के लोगों से मिल रहे है. गुस्सा थूक देने को कह रहे है. वैसे, तो शुक्रवार को हुई मारपीट की घटना को लेकर धनबाद के कांग्रेसी रांची से लेकर दिल्ली तक चर्चित हो गए है. दिल्ली ने मामले में हस्तक्षेप किया है और अधीर रंजन चौधरी को मामले को सलटाने का निर्देश दिया है. अधीर रंजन चौधरी इस मामले में जुटे हुए है. सफलता कितनी मिलती है, यह देखने वाली बात होगी. यह अलग बात है कि कांग्रेसी कहते हैं कि मामला सुलझ गया है. अब कोई विवाद नहीं है, लेकिन सूत्र दावा कर रहे है कि अभी भी "आग" जल रही है.
मामला कांग्रेस के हाथ से निकल कर अन्य संगठन के पास पहुंच गया है
मामला कांग्रेस के हाथ से निकल कर अन्य संगठन के पास पहुंच गया है. सूचना मिली है कि सोमवार की शाम 5 बजे अधीर रंजन चौधरी दिगंत परिवार के अध्यक्ष से मिलेंगे. उनसे भी गुस्सा थूकने की अपील करेंगे. वैसे, जब पंडित बिंदेश्वरी दुबे इंटक के अध्यक्ष थे, तो भी राणा संग्राम सिंह से विवाद होता रहता था. इंटक और कांग्रेस कार्यालय, जो आज ताले में बंद है, यहां दोनों के समर्थक जुटते थे. एक के समर्थक कार्यालय के ऊपर होते थे तो दूसरे नीचे से हथियार चमकाते थे. लेकिन उसके बाद हथियार चमकाने की परिपाटी खत्म हो गई ,लेकिन कांग्रेसी मारपीट से परहेज नहीं कर रहे है. मारपीट की घटना को लेकर दोनों ओर से प्राथमिक दर्ज कराई गई है. एन चुनाव के बीच धनबाद के कांग्रेस नेताओं ने "सेल्फ गोल" कर लिया है. नतीजा है कि भाजपा खुश है.
भाजपा खुश है सबकुछ उसके पक्ष में हो रहा है
भाजपा को उम्मीद है कि एक खास जाति का वोट अब बिल्कुल भाजपा के पक्ष में हो जाएगा. भाजप जिस जाति को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही थी ,वह अपने आप होता उसे दिख रहा है. यह अलग बात है कि केंद्र से लेकर प्रदेश का कांग्रेस नेतृत्व इस मामले को लेकर गंभीर है. देखना है आगे -आगे होता है क्या? हालांकि इस घटना ने केंद्रीय नेतृत्व की साख पर भी बट्टा लगाया है. राहुल गांधी के धनबाद में कार्यक्रम के कुछ ही घंटा पहले कांग्रेस नेताओं के बीच शुक्रवार की रात एक होटल के पास जमकर मारपीट हुई थी. कांग्रेस के वरीय नेता व पार्टी के ऑब्जर्वर अधीर रंजन चौधरी के सुरक्षाकर्मी को होटल में ठहरने के सवाल पर दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी. दरअसल, अधीर रंजन चौधरी को धनसार के एक होटल में ठहराया गया था, जबकि उनके बॉडीगार्ड के लिए दूसरे होटल में प्रबंध की बात कही गई थी. मारपीट में कई लोगों के सिर फूट गए है. हालांकि, इस घटना के बाद धनबाद जिला कांग्रेस दो खेमों में बंट गई है.
दो गुटों में साफ़ -साफ़ बंटी दिख रही है कांग्रेस
एक तबका कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष सिंह के साथ है, तो दूसरा खेमा प्रदेश सचिव वैभव सिन्हा के साथ हो गया है. बाघमारा में राहुल गांधी की सभा में केंद्रीय महासचिव, प्रदेश प्रभारी सहित अन्य मौजूद थे. यह मामला उन लोगों तक भी पहुंच गया है. केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश को तुरंत मामले को सलटा लेने का निर्देश दिया है. वैसे यह भी कहा जाता है कि कांग्रेस के दो नेताओं की लड़ाई से उत्पन्न संकट को देखते हुए कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. राहुल गांधी की टीम ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है. कहा जा रहा है कि अधीर रंजन चौधरी को धनबाद में ही रोक दिया गया है और उन्हें हर हाल में मामले को सलटा लेने का निर्देश दिया गया है. अब देखना है आगे -आगे होता है क्या ?
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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