धनबाद(DHANBAD):क्या आप भरोसा कर सकते हैं कि आज के जमाने में भी 200 या 400 रुपए किसी को पेंशन मिलती होगी. यह सुनने में अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन है बिल्कुल सच है. वह भी वैसे लोगों को इतनी कम पेंशन मिलती है, जो प्रकृति के खिलाफ काम कर कोयल का उत्पादन करते थे, लेकिन अब रिटायर्ड हो चुके हैं. अब जाकर उनकी पेंशन की राशि न्यूनतम एक हजार करने का निर्णय हुआ है. इस जमाने में एक हजार की पेंशन राशि ऐसे परिवारों के लिए कितनी मददगार होगी, यह तो सोचने वाली बात हो सकती है.
पेंशनर्स एसोसिएशन न्यूनतम पेंशन कम से कम 5 हजार करने की मांग करता रहा है
हालांकि पेंशनर्स एसोसिएशन न्यूनतम पेंशन कम से कम 5 हजार करने की मांग करता रहा है. लेकिन अब जाकर फैसला हुआ है कि उनकी न्यूनतम पेंशन राशि एक हजार की जाएगी. पता चला है कि रिटायर्ड कोयला कर्मियों की न्यूनतम पेंशन एक हजार करने संबंधी कोयला खान भविष्य निधि संगठन ट्रस्टी बोर्ड के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है. अनुमान है कि इससे 1.2 लाख रिटायर्ड कोल कर्मियों को लाभ होगा.कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर दी है. कोयला मंत्री ने पोस्ट में कहा है कि कोयला क्षेत्र में पेंशन भोगियों की अपेक्षाओं को पूरा करते हुए केंद्र सरकार ने न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर एक हजार प्रतिमाह करने की मंजूरी दे दी है.
कोल इंडिया में फिलहाल कार्यरत स्थाई कर्मियों से अधिक पेंशन भोगियों की संख्या हो गई है
कोयला खदान पेंशन योजना 1998 के तहत एक हजार प्रति माह का लाभ लगभग 1.2 लाख पेंशन भोगियों को मिलेगा. कोयला खान भविष्य निधि संगठन बोर्ड ने सितंबर 2023 में ही दिल्ली में आयोजित बोर्ड की बैठक में न्यूनतम पेंशन एक हजार करने संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी. बोर्ड से स्वीकृति के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा गया था. लगभग 6 महीने बाद अब इस पर मंजूरी दी गई है. हालांकि रिटायर्ड कोल कर्मियों को यह न्यूनतम पेंशन राशि मंजूर नहीं होगी. उनका अपना तर्क है.कोल इंडिया में फिलहाल कार्यरत स्थाई कर्मियों से अधिक पेंशन भोगियों की संख्या हो गई है.
अब रिटायर्ड कोल पेंशनर्स कितने संतुष्ट होंगे यह देखने वाली बात होगी
एक आंकड़े पर भरोसा करें तो एक अक्टूबर 2023 को कोल इंडिया में स्थाई कर्मियों की संख्या 2,33,048 थी वहीं रिटायर्ड कोल कर्मियों की संख्या 31 मार्च 2023 को 3,68,546 थी. कोयला खान भविष्य निधि संगठन पर पेंशन फंड में जितनी राशि आती नहीं, उससे अधिक खर्च करना पड़ता है. इसको लेकर एक गैप की स्थिति उत्पन्न हो गई है .कोल इंडिया ने अभी हाल ही में पेंशन फंड में कोयला उत्पादन के बाद 10 प्रति टन पेंशन फंड में देना शुरू किया है. फिर भी दबाव बढ़ता जा रहा है. रिटायर्ड पेंशनर्स लगातार मांग कर रहे हैं कि उनकी पेंशन की राशि बढ़ाई जाए. अब जाकर पेंशन की राशि एक हजार करने का निर्णय हुआ है. लेकिन इससे रिटायर्ड कोल पेंशनर्स कितने संतुष्ट होंगे यह देखने वाली बात होगी.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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