धनबाद(DHANBAD): धनबाद में एक बार फिर कोयला चोरी का शोर है. जिले के सभी पूर्व से चिह्नित स्थानों से कोयला चोरी और तस्करी बढ़ गई है. वैसे तो बंद कभी नहीं था, लेकिन चोरी लिमिटेड हो रही थी. सड़कों पर कोयला लोड साइकिल और मोटरसाइकिल कम दिख रहे थे. कोयला ढोने वाले भी मोहल्ले के सड़कों का उपयोग कर रहे थे. लेकिन अब यह सब बीते दिनों की बात हो गई है. कोयला चोरी फिर उफान पर है. कोयला चोरी को लेकर धनबाद कोयलांचल कुख्यात रहा है. कोयला चोरी के लिए इलाके पर कब्जा को लेकर खून खराबा भी होता रहा है. चौथी बार कार्यभार ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि अवैध माइनिंग पर हर हाल में अंकुश लगाया जाए. लेकिन इस आदेश का धनबाद की जमीन पर कोई असर दिख नहीं रहा है.
डीजीपी की टीम पहुंची पंचेत तो जब्त हुए कोयला लोड चार ट्रक
इधर, सूचना मिली है कि बाहर की टीम ने धनबाद के पंचेत थाना क्षेत्र स्थित जामदही, खैरकियारी और लुचीबाद में चल रहे अवैध कोयला खनन को लेकर छापेमारी की थी. चार ट्रक पकड़े भी गए थे. लेकिन बाद में लीपापोती हो गई. जब्ती का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया और न ही कोई केस हुआ. पंचेत इलाके में बड़े पैमाने पर अवैध खनन की सूचना है. केवल पंचेत ही नहीं ,लगभग सभी जगहों पर कोयला चोरी गति पर है. अब तो यह भी सूचना है कि अवैध लोड ट्रको का पासिंग कोड भी निर्गत किया जा रहा है.
निरोधात्मक एजेंसियों की भूमिका भी संदेहास्पद
इतना तो तय है कि यह निरोधात्मक एजेंसियों की सहमति से ही चल रहा होगा. उसमें पुलिस, सीआईएसफ की टीम शामिल होंगी. कोलियरी प्रबंधन की भी मौन सहमति होगी. अगर कोयलांचल की बात की जाए तो कोयले के अवैध उत्खनन का सूचकांक कुछ दिन पहले टॉप पर था. सारे रिकॉर्ड पीछे छूट गए थे . इलाका बांटकर अवैध उत्खनन बेधड़क किया जा रहा था . छोटे- बड़े सारे लोग बहती गंगा में हाथ धोने को 'चींटी -माटा' की तरह 'बिलो' से निकल पड़े थे . धीरे -धीरे फिर वही हालत बन रहे है. यह कोयला न केवल निजी उद्योगों में खपते है, बल्कि बाहर भी भेजे जाते है.
निरसा से विनोद सिंह की रिपोर्ट
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