टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-झारखंड में एचआइवी संक्रमितों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. इसके रोकथाम के लिए तमाम तरह की योजनाएं चल रही है . जगारुकता अभियान भी स्वास्थ्य विभाग से हर जगह चलाया जा रहा है. ताकि इसकी रोकथाम की जा सके . लेकिन, इसके बावजूद इसके मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. चिता की बात तो ये है कि आंकड़ों में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इसकी चपेट में है. एचआईवी के मरीजों में ट्रांसजेंडर्स भी है.
क्या कहते हैं आंकड़े
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े जो बताते है . वो यही तस्दीक करती है कि कैसे साल दर साल आंकड़ों में बढत देखने को मिल रही है. . साल 2020-21 में 1,380 मरीजों की पहचान हुई. वर्ष 2021-22 में आंकड़ा बढ़ा और मरीजों की संख्या 1,452 हो गई. साल 2022-23 में आंकड़ा 1,890 को पार चला गया. साल दर साल बढ़ती मरीजों की संख्या इसकी डरवानी तस्वीर पेश कर रही है.
चलाया जा रहा जागरुकता अभियान
इस खतरनाक बीमारी की बढ़ती संख्या और दायरे को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तैयारी कर रखी है. इसे लेकर विभाग ने एक दिसंबर से पूरे राज्य में जागरूकता अभियान चला रही है, ताकि इस रोग पर लगाम लगाया जा सके. इस दौरान मरीजों की जांच की जायेगी. इसमे सबसे ज्यादा दायरे में वो मरीज है, जो राज्य के बाहर काम करते हैं. ट्रक ड्राइवर में संक्रमण के ज्यादतर केस मिलते रहे हैं. लिहाजा, इसकी जांच की जाएगी.
हजारीबाग में सबसे ज्यादा एड्स मरीज
राज्य के जिस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या पी गई, उसमें हजारीबाग जिला सबसे अव्वल है. यहां कुल 3,465 संक्रमित मरीज मिले हैं, इन मरीजों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है. 1,406 पुरुष एचआईवी संक्रमित हैं जबकि 1,719 महिलाएं इस गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. हजारीबाग में 339 बच्चे एचआइवी से ग्रसित हैं, जिसमे 205 बच्चे और 134 बच्चियां शामिल हैं.एड्स मरीजों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर पर लौहनगरी जमशेदपुर है जहां 2,409 संक्रमित पाये गये हैं. तीसरे नंबर पर राज्य में जो जिला है उसमें राजधानी रांची है. यहां 1,476 एचआइवी पीड़ित हैं. झारखंड में इस बीमारी का खतरा ट्रांसजेंडर्स में भी फैल रहा है, 61 ट्रांसजेंडर एचआइवी से पीड़ित मिले हैं.
स्वास्थ्य विभाग लगातार इस पर काम कर रहा है और अपना जांच का दायरा बढ़ा रहा है. इस साल 6,22,140 लोगों में की जांच की गयी जिनमें 975 संक्रमित मिले। इसके अलावा 25,433 ऐसे लोगों की जांच की गयी जो जोखिम क्षेत्र में काम करते हैं. इसमें 10 पीड़ित पाये गये.
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