देवघर(DEOGHAR): प्रत्येक नागरिक के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराना सरकार की जिम्मेदारी होती है. इसी उद्देश्य से सरकार ने जन वितरण प्रणाली की व्यवस्था सुनिश्चित की. इसके तहत अब घर के समीप ही जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न की आपूर्ती की जाती है,लेकिन देवघर के देवीपुर में प्रशासन की अनदेखी के कारण राशनकार्ड धारकों को अपना राशन लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जितना का राशन सरकार उपलब्ध नही कराती उससे बहुत अधिक कार्ड धारकों को भाड़ा देना पड़ता है.
गांव से 25 किलोमीटर दूर है पीडीएस दुकान
देवघर के देवीपुर प्रखंड अंतर्गत बेहराबांक गांव के लोगों का पहले अपने ही गांव में पीडीएस की दुकान होती थी. जहां से राशनकार्ड धारक बड़ी आसानी से अपना राशन का उठाव किया करते थे, लेकिन विभाग की अनदेखी के कारण बेहराबांक गांव से हटाकर 25 किलोमीटर दूर बेरमुक्का गांव में पीडीएस दुकान में दर्ज़नो कार्ड धारियों को हस्तांतरित कर दिया गया है. दोनों गांव के बीच एक नदी भी पड़ती है.अगर इस नदी से पार करने पर 25 किलोमीटर की दूरी कुछ कम हो जाती है. राशनकार्ड धारक अगर सड़क मार्ग से टेंपू से अपना राशन लाने जाते है तो उन्हें 200 रुपया भाड़ा देना पड़ जाता है. ऐसे में लाभुक जितना का राशन नहीं लेते हैं उससे ज्यादा उन्हें भाड़ा देना पड़ता है. लगभग 60 राशनकार्डधारी आज समाहरणालय पहुंचकर जिला उपायुक्त को आवेदन सौंप पीडीएस दुकान को पुनः बेहराबांक गांव में करने की गुहार लगाई है.
राशन का लाभ लेने 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है
अगर किसी योजना में लाभ की जगह लाभुकों को हानि उठानी पड़ती है तो इसका जिम्मेवार कौन है. सरकार इन दिनों आपकीं योजना आपके द्वार कार्यक्रम युद्ध स्तर पर चला रही है,ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति को कल्याणकारी योजना का लाभ मिल सके. लेकिन इसके विपरीत बेहराबांक गांव के लोगों को राशन का लाभ लेने 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. ऐसे में प्रशासन को इस ओर गंभीर होने की आवश्यकता है.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा
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