देवघर (DEOGHAR) : देवघर शहरी क्षेत्र का विकास पिछले कई वर्षों से तेज़ी से होने के कारण यहां की आबादी के साथ-साथ कचरा भी बढ़ने लगा. इसको देखते हुए वर्ष 2018 में मोहनपुर अंचल क्षेत्र के पछियारी कोठिया में कचरा प्रबंधन की स्थापना की गई. इसके तहत शहरी क्षेत्रों में डोर टू डोर कचरा उठाव कर इसका निष्पादन कर उससे खाद या अन्य उत्पाद का निर्माण किया जाता है. देवघर में इसका जिम्मा MSMW (MUNICIPAL SOLID WASTE MANAGEMENT) कंपनी को दिया गया. कंपनी द्वारा लगभग 300 गाड़ियों से निगम क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा उठाने का काम किया जा रहा है. इन गाड़ियों में ड्राइवर और हेल्परों की नियुक्ति भी की गई. लेकिन MSMW प्रबंधन के अड़ियल रवैया के कारण आए दिन हड़ताल होती रहती है. हड़ताल में जाने से शहरी क्षेत्र में कचरा का अंबार लग जाता है, जिसकी बदबू से लोगों को काफी परेशानिया होती रहती है.
पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर है कचरा उठाने वाले
MSMW के अधीन कार्य करने वाले हेल्पर और अन्य कर्मियों को कंपनी द्वारा पिछले 4 साल से अधिक समय से न तो समय पर बेतन दिया जाता है और न ही अब तक pf और esci का हिसाब बताया जाता है. इतना ही नहीं इन कर्मियों को तय बेतनमान के अनुरूप कम भुगतान करने का भी आरोप लगाया जा रहा है. कंपनी के अधीनस्थ काम करने वाले कर्मियों के साथ अगर काम करते वक़्त कोई अप्रिय घटना भी घट जाती है तो उसे देखने वाला भी कोई नहीं है. कर्मियों द्वारा शुरुआत से ही अपनी मांग कंपनी प्रबंधन से की जाती आ रही है लेकिन प्रबंधन के कान पर जू तक नही रेंगती. इसके खिलाफ कचरा उठाने वाले पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर चले गए हैं.
अनिश्चित कालीन आमरण अनशन करने की चेतावनी
बेतनमान,esci,pf, मेडिकल सुविधा,अब तक नही मिली ड्रेस को देने सहित अन्य मांगो को लेकर हड़ताल पर गए कंपनी कर्मियों की मांग अविलंब पूरा नहीं होने पर अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर जाने की चेतावनी दी जा रही है. Msmw द्वारा जिस गाड़ी से कचरा उठाया जाता है. उसका मेंटेनेंस भी नहीं किया जाता है. कम्पनी प्रबंधन के आश्वासन पर ड्राइवर अपने खर्च से गाड़ियों का मेंटेनेंस तो कर देते है. लेकिन उसका भी भुगतान अब तक नहीं किया गया है. इतना ही नहीं बिना गाड़ियों को ढके खुलेआम कचरा लदे गाड़ियों का परिचालन से सड़क पर चलने वाले लोगों को भी काफी परेशानी होती है. कचरा उठा कर इसके अवशिष्ट प्रबंधन से कंपनी को काफी मुनाफा हो रहा है. इसके अलावा कर्मियों का हक़ मार कर भी मुनाफा कमाने का आरोप लगाया जा रहा है. कुछ भी हो msmw कंपनी प्रबंधन स्थानीय कर्मियों को उसका मेहताना हक देने में फेल हो गई है. ऐसे में अपने हक़ लेने के लिए कर्मियों द्वारा लेबर कोर्ट भी जाने की बात की जा रही है. अब देखना होगा कि इन कर्मियों की मांगें पूरी होगी या हड़ताल जारी रहेगा.
रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर
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