साहिबगंज(SAHEBGANG)- झारखंड में एक ही ऐसा जिला है जहां से गंगा नदी बहती है. इस क्षेत्र में डॉल्फिन का होना कोई बड़ी बात नहीं.लेकिन मगरमच्छ का होना बहुत अधिक महत्वपूर्ण है. मगरमच्छ इस क्षेत्र में है इसकी पुष्टि हो गई है.एक मरा हुआ मगरमच्छ मिला है. वन विभाग ने लोगों को इसके लिए अलर्ट किया है कि वह बेवजह गंगा नदी के पानी में नहीं जाएं.
मृत मगरमच्छ मिलने का क्या है अर्थ
मृत मगरमच्छ मिलने से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि क्षेत्र में मगरमच्छ उपलब्ध है. कुछ समय पूर्व गंगा नदी में मगरमच्छ को तैरते हुए देखा गया है. जबकि इस क्षेत्र में इस जलीय जीव के होने की कोई संभावना नहीं थी. लेकिन अब इसमें कोई शक नहीं कि गंगा नदी में मगरमच्छ इस क्षेत्र में है. इसलिए खतरा इस क्षेत्र में अधिक है. वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि लोगों को इस से सतर्क रहना चाहिए. बेवजह नदी पार करने का प्रयास नहीं करें. साथ ही अगर गंगा में स्नान करते हैं तो आसपास की स्थिति को देख लें.
मगरमच्छ के मरने के कारण क्या हो सकते हैं
क्षेत्र के वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि मगरमच्छ मछली मारने वाले जाल में फस गया और उसे भोजन नहीं मिला जिस कारण से उसकी मौत हो गई. हां यह भी कहा कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं किसी ने षड्यंत्र कर इसे मार तो नहीं डाला. इस बात का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद होगा. डीएफओ यानी वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी ने लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि बेवजह गंगा नदी में जाने से परहेज करें और स्नान करना है तो बहुत सावधानी बरतें.
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