धनबाद(DHANBAD): क्लब अटेंड करना, क्लब का सदस्य होना आज की तारीख में शान की बात हो गई है और अगर कोई क्लब का पदाधिकारी हो जाए तो उसके क्या कहने. धनबाद में धनबाद क्लब प्रतिष्ठित क्लब है. उपायुक्त इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं ,बाकी समिति का हर वर्ष चुनाव होता है .यह चुनाव किसी अन्य चुनाव से तनिक कम नहीं होता. चुनाव जीतने के लिए विभिन्न पदों पर खड़े उम्मीदवार घर घर जाकर अपने पक्ष में प्रचार करते हैं. अपने किए कार्यों की बखान करते हैं और वोट करने की अपील करते हैं. लेकिन इस बार चुनाव में प्रत्याशियों को लेकर उपायुक्त ने सवाल खड़े किए हैं और इसकी जांच के आदेश दिए हैं .उपायुक्त के आदेश के बाद तो हड़कंप मच गया है. कोई कुछ बोलने से परहेज कर रहा है.
उपायुक्त से की गई है शिकायत
जानकारी के अनुसार क्लब के 2 सदस्यों ने उपायुक्त को पत्र लिखकर पुरानी कमेटी पर संविधान के खिलाफ चुनाव लड़ने की शिकायत की थी. इसी शिकायत के आधार पर उपायुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं. आरोप के मुताबिक पुरानी कमेटी जो वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक सेवा दी यह कमेटी फिर से चुनाव लड़ रही है. पुरानी कमेटी के सदस्यों ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है, जो क्लब के संविधान के अनुसार गलत है. पुरानी कमेटी को वर्ष 2025 तक चुनाव में भाग लेने का अधिकार नहीं है. क्लब संविधान के अनुसार जो सदस्य लगातार दो बार चुनाव में कमेटी में आ चुके हैं, वह अगले टर्म के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
कमेटी के सात लोग कर चुके हैं नामांकन दाखिल
कोरोना काल के बाद क्लब का चुनाव वर्ष 2022 में हुआ था. 4 साल तक पुरानी कमेटी के लोग धनबाद क्लब के पदाधिकारी रहे. संविधान के अनुसार वर्ष 2025 तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. जांच के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा. वैसे सूत्र बताते हैं कि पुरानी कमेटी के सात लोग नामांकन दाखिल कर चुके हैं. इन 7 लोगों में संजीव बीयोत्रा, वाईएन नरूला, नंद लाल अग्रवाल, यमेश त्रिवेदी सहित अन्य ने नामांकन किया है. इसके अलावा डॉक्टर ओपी अग्रवाल, चेतन गोएनका ने भी नामांकन किया है.
धनबाद क्लब तो अंग्रेजों के जमाने का क्लब है. यहां स्वतंत्रता के पहले भारतीयों को जाने की अनुमति नहीं थी. सिर्फ अंग्रेज ही धनबाद क्लब के सदस्य हो सकते थे. बुजुर्ग बताते हैं कि इसी के बाद धनबाद क्लब के ठीक सामने भारतीयों ने मिलकर यूनियन क्लब खड़ा किया और यह दोनों क्लब आज भी चल रहे हैं. धनबाद के उपायुक्त बनकर जब डॉ प्रदीप कुमार आए तो उन्होंने धनबाद क्लब को ऊंचाई दी. नियम बने, भवन का रिनोवेशन हुआ, यह व्यवस्था बनी कि उपायुक्त इसके पदेन अध्यक्ष होंगे. उसके बाद हर वर्ष चुनाव में यहां के लोगों की दिलचस्पी रहती है .देखना है धनबाद क्लब के चुनाव को लेकर उठे विवाद का पटाक्षेप क्या और कैसे होता है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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