रांची (RANCHI) : झारखंड में बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकने के लिए प्रसाशन पूरे जोर-शोर के साथ काम कर रही है. इसी बीच साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए एक संयुक्त साइबर क्राइम समन्वय टीम का गठन किया गया है. जिसका प्रमुख उद्देश्य केवल है कि वे केवल साइबर क्राइम के मामलों की जांच करेंगे. खासकर क्रिप्टों करेंसी के नाम पर झारखंड में चल रहे धोखाधड़ी की जांच करेंगे.
गुप्त ऑपरेशन कर साइबर अपराधियों की करेगी पहचान
बता दें कि यह टीम गुप्त ऑपरेशन कर साइबर अपराधियों की पहचान करेगी और उनका प्रोफाइल तैयार करेगी. साथ ही साइबर अपराध के विभिन्न पहलुओं पर काम करने के लिए यह टीम बनाई गई है. वहीं चाइनीज एप्लीकेशन औऱ फर्जी वेबसाइटों की पहचान करेगी. इसके लिए राज्य पुलिस ने साइबर क्राइम समन्वय के लिए कई अधिकारियों को नियुक्त किया है. इसमें गढ़वा जिले के एसआई आशीष पन्ना, चाईबासा से आशुतोष तिवारी, रामगढ़ से नरेंद्र कुमार, खूंटी से अर्चना कुमारी, आईटीएस से विजय कुमार, धनबाद से विजय कुमार, और दिलीप कुमार शामिल किया गया हैं.
फर्जी वेबसाइट बनाकर झारखंड में किया जा रहा क्राइम
एक रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में फर्जी वेबसाइट बनाकर साइबर अपराधी अब क्राइम कर रहे हैं. कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं. जहां फर्जी वेबसाइट बनाकर आम लोगों को लिंक भेजा जाता है, जिसके बाद लिंक में क्लिक करने पर सारा डिटेल साइबर ठग के पास चला जाता है. जिससे वह बड़े आसानी से साइबर क्राइम को अंजाम देते हैं. इसे अलावा गूगल सर्च, कोरियर सर्विस औऱ बैंक अकांउट का फर्जी हेल्पलाइन नंबर बनाकर घटना को अंजाम देते हैं.
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