टीएनपी डेस्क: हजारीबाग के पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की पत्नी अनीता देवी की जलने से हुई मौत मामले में आरोपी पति व पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर सिविल कोर्ट हजारीबाग में सुनवाई हुई. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छह की अदालत में बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सबसे पहले केस डायरी मंगाने का आदेश पारित किया है. साथ ही इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 29 जनवरी मुकर्रर की है. इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से पैरवी हजारीबाग बार संघ के अध्यक्ष राजकुमार कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान उन्होंने कोर्ट को बताया कि आवेदक प्रशासनिक पदाधिकारी हैं और प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं बनता है. अपनी पत्नी को आग से बचाने के क्रम में पूर्व एसडीओ का हाथ भी जला है. ऐसे में अधिवक्ता ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश पारित करने की दलील दी.
इस मामले में सूचक पक्ष की ओर से सरकारी वकील उपस्थित हुए और अपना पक्ष रखा. इसके अतिरिक्त निजी अधिवक्ता के तौर पर मिथिलेश कुमार सिन्हा उर्फ मन्ने ने भी अपना वकालतनामा कोर्ट में दाखिल किया. इस दौरान पीड़ित परिवार के वकील ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कोर्ट से की.
आपको बताते चलें कि 26 दिसंबर को झील रोड स्थित एसडीओ आवास में पूर्व एसडीओ की पत्नी अनीता देवी गंभीर रूप से झुलस गई थी. उनका इलाज बोकारो जेनरल अस्पताल में हुआ. बाद में स्थिति बिगड़ने पर रांची के मेडिका अस्पताल फिर देवकमल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसी बीच उनके बड़े भाई राजकुमार गुप्ता ने लोहसिंघना थाना में एसडीओ और उनके परिजन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. तब यह मामला हत्या का प्रयास का दर्ज किया गया था. बाद में अनीता की मौत इलाज के दौरान 28 दिसंबर की सुबह हो गई थी. इसके बाद मृतका अनीता देवी के भाई राजू कुमार गुप्ता सहित अन्य परिजन, समाजसेवी एवं राजनीतिक दल के लोगों ने लोहसिंघना थाना का घेराव किया था. पूर्व एसडीओ एवं उनके परिवार की जल्द गिरफ्तारी की मांग की गई थी. इसमें वरीय अधिकारियों के समझाने के बाद मामला शांत हुआ था. इस मामले में मृतका के भाई के फर्द बयान पर लोहसिंघना थाना में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में निष्पक्ष जांच और अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर मृतका के भाई राजू कुमार गुप्ता ने पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, रांची को भी आवेदन दिया है.
आपको बता दें कि केस दर्ज होने की तारीख से अब तक किए गए अनुसंधान की विस्तृत रिपोर्ट जानने के लिए कोर्ट ने केस डायरी की मांग की है. इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक एसआईटी का भी गठन किया है.एसआईटी का नेतृत्व सदर एसडीपीओ कर रहे हैं.
रिपोर्ट: ओम प्रकाश
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