रांची(RANCHI): झारखंड के अंचल और प्रखण्ड कार्यालय में बैठे अधिकारी भ्रष्टाचार की गंगोत्री में हर दिन डुबकी लगाते है. अबुआ आवास हो या फिर जमीन के दाखिल खारिज में सभी काम का अलग अलग रेट निर्धारित किया गया है. गरीब जब प्रखण्ड या अंचल कार्यालय पहुंचते है तो उन्हें हर काम के बदले रकम चुकानी पड़ती है. यह पूरी प्रक्रिया को पूरा कराने के लिए सरकारी दफ्तर में दलाल भी मौजूद रहते है. अब इसकी शिकायत सीएम तक पहुंच गई है. शिकायत के आधार पर वैसे अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोई भी ऐसा मौका विपक्ष को नहीं देना चाहते है. जिससे सरकार की छवि खराब हो. यही वजह है कि जो भी शिकायत हेमंत सोरेन के पास पहुंच रही है. उसके निष्पादन और जांच करने का निर्देश दे रहे है. जिससे राज्य की जनता के सपने पूरे हो सके. अबुआ सरकार का सपना साकार हो सके. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे लेकर सोमवार को देर शाम आवासीय कार्यालय में बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर सचिव मुख्य सचिव अविनाश कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद रहे. सभी को कई दिशा निर्देश दिया गया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में जमीन विवाद से जुड़ी कई शिकायत लगातार सामने आ रही है. विशेष कर अंचल कार्यालयों में दाखिल-खारिज के नाम पर भ्रष्टाचार का बोलबाला है. इस पर नियंत्रण करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. इसमें शामिल अधिकारियों, कर्मियों के साथ जमीन दलालों के खिलाफ कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि जमीनों के डिजिटलाईशन को लेकर भी काफी शिकायतें मिल रही हैं . जमीन दलालों द्वारा बड़े स्तर पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीनों की हेराफेरी की जा रही है. इससे जमीन से जुड़े विवाद बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. अगर समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं लगाया जाए तो यह भविष्य में बड़ा खतरा बन सकता है. इसे रोकने की दिशा में सभी संभावित कदम उठाए जाएं.
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