धनबाद(DHANBAD): प्रबंधन ने हाजिरी काटी, डॉक्टर काम नहीं किए ,नतीजा हुआ कि एक व्यक्ति की जान चली गई .यह घटना बीसीसीएल के भौरा अस्पताल की है. डॉक्टरों ने कार्रवाई के खिलाफ गुरुवार को अस्पताल की ओपीडी सेवा बंद रखी. बीमार बीसीसीएल कर्मी विजय मुंडा की गुरुवार को मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने भौरा क्षेत्रीय अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. परिजनों का कहना था कि अस्पताल के डॉक्टरों ने उनका इलाज नहीं किया ,यहां तक कि दूसरी जगह ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं दिया. परिजन अनुरोध करते रहे लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा. डॉक्टरों ने जीएम के आग्रह को भी ठुकरा दिया. नतीजा हुआ कि इलाज शुरू नहीं होने के कारण मरीज ने दम तोड़ दिया. इस मामले को लेकर परिजनों का अपना तर्क है तो डॉक्टरों का भी कुछ कहना है. क्षेत्रीय अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि हम लोग मरीजों की सेवा में दिन रात लगे रहते हैं, फिर भी अगर किसी कारण बस आने में थोड़ी देर हो जाती है तो कोलियरी प्रबंधक हाजिरी काट देते है. जब हाजिरी ही काट दी गई है तो हम लोग काम क्यों करें. मामला चाहे जो भी हो लेकिन डॉक्टर तो ईश्वर के दूसरे रूप कहे जाते हैं, अगर किसी डॉक्टर के पास गंभीर मरीज पड़ा हो तो क्या उन की कुछ जिम्मेदारी नहीं बनती है. हो सकता है कि प्रबंधन और डॉक्टरों के बीच विवाद रहा हो. लेकिन इस विवाद में अगर किसी की जान चली जाए तो यह सभ्य समाज के लिए न सही है और ना डॉक्टरी पेशा में लगे चिकित्सकों के लिए. बहरहाल प्रबंधन मामले की जांच की बात कह रहा है लेकिन विजय मुंडा तो अब नहीं लौट पाएंगे.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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