धनबाद में कोयला चोर बन गए हैं बाहुबली, कहीं रास्ते में तो कभी कोलियरी क्षेत्र में अधिकारियों पर कर रहे जानलेवा हमला
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धनबाद(DHANBAD): बीसीसीएल मैनेजमेंट आउटसोर्सिंग पैच की सुरक्षा ऑडिट के बाद ड्रोन से इलाके की फोटोग्राफी करा रहा है. जगह-जगह उसे बेधड़क कोयला चोरी करने के सबूत मिल रहे हैं. आउटसोर्सिंग कंपनियों को सुरक्षा व्यवस्था एनआईटी के नियमों के अनुसार करने को कड़ा निर्देश दिया गया है. बावजूद कोयला चोरी और अधिकारियों पर हम ले रुक नहीं रहे हैं. कोयला अधिकारी अपनी जान की चिरौरी कर रहे हैं. ऐसे में अभियान का परिणाम क्या होगा, यह विचार करने की बात है.
कोल अधिकारी सुरक्षा की कर रहे मांग
कोयला चोरों ने बरोरा एरिया में काम कर रही आउटसोर्सिंग कंपनी डेको में मंगलवार की रात ड्यूटी पर तैनात सहायक खान प्रबंधक अनिल कुमार ओझा पर जानलेवा हमला कर दिया. अधिकारी के शरीर पर कई जगह चोटें आई हैं. उनका बाया हाथ टूट गया है. अधिकारी 2 किलोमीटर तक भाग कर अपनी जान बचाई. उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद कोलकाता रेफर कर दिया गया है. इस घटना के बाद कोयला अधिकारी आक्रोशित हैं. कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन की बैठक हुई है. इसमें इस घटना की निंदा की गई है. साथ ही सुरक्षा की मांग की गई है. निर्णय लिया गया है कि इस घटना को प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचा कर सुरक्षा मांगा जाएगा. कोयला अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि आउटसोर्सिंग पैच का निरीक्षण अब सीआईएसएफ की क्यू आर टी टीम करेगी. एसोसिएशन ने पुलिस से भी सुरक्षा की मांग की है.
अधिकारियों पर हमले के पीछे असल मायने में कौन?
इधर, पुलिस ने शिकायत पर अज्ञात कोयला चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. घायल अधिकारी को सबसे पहले अस्पताल ले जाया गया. उसके बाद उन्हें केंद्रीय अस्पताल रेफर किया गया. जहां से चिकित्सकों ने कोलकाता रेफर कर दिया. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. इसके पहले भी पुटकी इलाके में कार्यालय से घर जा रहे कोयला अधिकारी को रास्ते में रोक कर पीटा गया था. आरोप था कि पीटने वाले इलाके के कोयला चोर थे. आखिर कोयला चोरों और तस्करों को इतनी ताकत कहां से मिल रही है कि वह कोयला अधिकारियों पर हमला बोल दे रहे हैं. हमला करने वाले तो छोटे-छोटे प्यादे होते हैं, असली लोग तो दूर बैठकर यह सब करवाते हैं. जब तक रिमोट से धंधा चलाने वालों के हाथ नहीं तोड़े जाएंगे ,तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी. दो चार कोयला चोरों को पकड़ कर जेल भेज देने से कुछ नहीं होगा. पूरे नेटवर्क को अभियान चलाकर ध्वस्त करने की जरूरत है, तभी जाकर बीसीसीएल का अभियान सफल हो सकता है. अन्यथा कोयला चोरी होती रहेगी, रिपोर्ट रिपोर्ट का खेल चलता रहेगा, अधिकारी पीटे जाते रहेंगे और राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान होता रहेगा.
रिपोर्ट; धनबाद ब्यूरो
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