Coal India : दुर्लभ खनिजों की ओर बढ़ना क्यों है कंपनी की मज़बूरी, पढ़िए इस रिपोर्ट में !
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धनबाद(DHANBAD) : देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया अब कोयले से बाहर निकलने के लिए हाथ-पांव मार रही है. पिछले दिनों कोल इंडिया ने आईआरईएल (इंडिया ) लिलिटेड से समझौता किया था. उद्देश्य भारत और विदेश में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज करना है. इस समझौते के बाद दुर्लभ खनिजों और समुद्र तटीय रेत खनिजों को खोजने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. वैसे सूत्र बताते हैं कि दुर्लभ खनिज कम है, लेकिन जो है, वह महत्वपूर्ण हैं, उन पर फोकस जरूरी है. कोल इंडिया देश के साथ-साथ विदेश में भी इस पर काम करेगी.
बता दें कि भारत में 6000 किलोमीटर से अधिक तटीय रेखा है. कुछ सबसे बड़े और सबसे समृद्ध तटीय क्षेत्र है. भारत में समुद्र तट और टीलों की रेत में कई खनिज पाए जाते है. यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि कोल इंडिया में एक तरफ देशी और विदेशी माइनिंग ऑपरेटरो की भूमिका बढ़ रही है, तो कंपनी भी केवल कोयला प्रोडक्शन से बाहर निकलने का दबाव भी है. कंपनी अब कोयला उत्पादन से बाहर निकल कर क्रिटिकल मिनरल और थर्मल पावर में कदम बढ़ा रही है. कोल इंडिया आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए कोबाल्ट और लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों का अधिग्रहण करना चाहती है. इसके लिए कदम बढ़ा दिए गए है. इन क्रिटिकल मिनरल ब्लॉकों के लिए ई-नीलामी में भी कंपनी हिस्सा ले रही है.
कंपनी हाल ही में मध्य प्रदेश में ग्रेफाइट ब्लॉक के लिए बोली लगाई थी. जो इसका पहला गैर कोयला खनिज खनन उद्यम होगा. लीथियम समेत महत्वपूर्ण खनिज, पवन टर्बाइन से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. इलेक्ट्रिक कारों के लिए बैटरी के उत्पादन के लिए इनकी खास तौर पर मांग रहती है. कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन पी एम प्रसाद ने कंपनी की 50वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान कहा था कि लीथियम, कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के आयात पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से कंपनी भारत और विदेशों में इन खनिज परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है. इधर, कोल इंडिया में अब विदेश के भी माइनिंग ऑपरेटर काम करेंगे. ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर की भूमिका बढ़ेगी. कोल इंडिया एवं उसकी अनुषंगी इकाइयों में ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर को कोयला खनन के लिए बुलाया जा रहा है. अब वैश्विक स्तर की कंपनियां भी कोल इंडिया में काम करेगी.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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