धनबाद(DHANBAD) : सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया ने मेडिकल अटेंडेंस रूल और कंट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकल स्कीम में बदलाव किया है. अब बोर्ड लेवल के अधिकारी इलाज के क्रम में सुइट या उपलब्ध सबसे अच्छे कमरे ले सकेंगे. इसी तरह सेवानिवृत्ति बोर्ड स्तर के अधिकारी भी इलाज के क्रम में सुइट या उच्च स्तरीय उपलब्ध कमरे में चिकित्सा करा सकेंगे. सभी रैंक के अधिकारी एसी कमरे का इस्तेमाल इलाज के दौरान कर सकेंगे. वहीं कर्मचारी जनरल वार्ड का इस्तेमाल कर पाएंगे. जानकारी के अनुसार बोर्ड रैंक के E -9 रैंक के अधिकारी को डीलक्स रूम की सुविधा थी. अब E -8 से E -9 रैंक के अधिकारी डीलक्स एसी रूम की सुविधा इलाज के दौरान ले सकेंगे.
E-5 से E-7 रैंक के अधिकारी एसी रूम इलाज के लिए ले सकेंगे
E-5 से E-7 रैंक के अधिकारी एसी रूम इलाज के लिए ले सकेंगे. E -4 रैंक तक के अधिकारी ट्विन एसी रूम ले सकेंगे. गैर अधिकारी सामान्य वार्ड में इलाज करा सकेंगे. यह सब सुविधा मेडिकल अटेंडेंस रूल के तहत दी जाएगी. सेवानिवृत्ति बोर्ड स्तर के अधिकारी भी इलाज के क्रम में सुइट या उच्च स्तरीय कमरा ले सकेंगे. E -5 से E-7 रैंक के अधिकारी निजी एसी रूम का इस्तेमाल कर सकेंगे. E-4 रैंक के रिटायर अधिकारी ट्विन शेयरिंग रूम का इस्तेमाल इलाज के दौरान कर सकेंगे. दरअसल, कोल इंडिया में कार्यरत अथवा रिटायर्ड कर्मियों के लिए मेडिकल अटेंडेंस रूल निर्धारित है. समय-समय पर इसमें बदलाव किए जाते है. फिर एक बार इसमें संशोधन किया गया है. बताया जाता है कि कोल इंडिया के रिटायर्ड अधिकारियों ने भी चश्मा खरीदने के लिए पैसे की मांग की है.
सेवानिवृत कर्मचारियों ने माँगा है चश्मे के लिए पैसा
उनका कहना है कि सेवा काल से अधिक सेवानिवृत कर्मचारियों को चश्मे की जरूरत होती है. उम्र होने के बाद आंखें कमजोर हो जाती है. इसलिए उन्हें भी चश्मा खरीदने का पैसा मिलना चाहिए. कोल इंडिया सेवारत कर्मियों को चश्मा खरीदने के लिए 5 से ₹10,000 देती है. लेकिन यह सुविधा रिटायर्ड कर्मचारियों को नहीं मिलती है. अब इस मुद्दे को लेकर कोल इंडिया रिटायर्ड एग्जीक्यूटिव वेलफेयर एसोसिएशन सक्रिय हुआ है. रिटायर्ड कोल् कर्मियों ने मांग की है कि संशोधित पीपीए को जल्द निर्गत किया जाए. घरेलू उपचार के लिए सालाना 36000 मिलने वाली रकम को बढ़ाकर 50000 किया जाए. आजीवन चिकित्सा खर्च को 25 लाख से बढ़कर 50 लाख किया जाए. साथ ही अविलंब स्मार्ट कार्ड जारी किया जाये. रिटायर्ड कोयला कर्मियों का कहना है कि वह लोग प्रकृति के खिलाफ लगातार काम करते हुए रिटायर्ड हुए है. इस काम में हमेशा जोखिम रहा, अब जब वह सेवानिवृत हो गए हैं तो उनकी सुविधा बढनी चाहिए.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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