धनबाद(DHANBAD) : देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल् इंडिया अब ओवर बर्डेन यानी अपशिष्ट से कमाई का जरिया ढूंढ रही है. आर्थिक दबाव कम करने का यह तरीका भी हो सकता है. यह भी हो सकता है कि बेकार के सामानों से आमदनी किया जाए. इससे बेकार सामानों की उपयोगिता भी सिद्ध होगी और कंपनी को आमदनी भी होगी. मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय कोयला मंत्री की मौजूदगी में एक महत्वपूर्ण बैठक होने की सूचना प्राप्त हुई है. बैठक में एक रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया है. उस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि अपशिष्ट की तरह दिखने वाला ओवर बर्डेन कई तरह के अवसर पैदा कर सकते है. उनमें कई क्षमता है. दरअसल, ओवरबर्डन में मिट्टी, चट्टान और खनिज शामिल होते है. कोयला खनन के बाद इन्हें अपशिष्ट मानकर अलग कर दिया जाता है. लेकिन एक अध्ययन में संकेत मिले हैं कि ओवरबर्डेन में कई तरह के मिनरल्स भी होते है.
ओवरबर्डेन के पहाड़ में कई तरह के मिनरल्स भी होते है
इसमें बालू की मात्रा भी अधिक होती है. इससे निकलने वाले बालू से कोल इंडिया की कई अनुषंगी इकाइयों में काम भी चल रहा है. यह बताया गया है कि नदी की पर इससे निर्भरता कम हो सकती है और पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाया जा सकता है. बालू की व्यावसायिक बिक्री से कोयला कंपनियों को राजस्व भी मिल सकता है. पता चला है कि ओवर बर्डेन के उपयोग के लिए निजी कंपनियां को भी आमंत्रित किया जा सकता है. इस बैठक में मंत्रियों के अलावा विशेषज्ञ टीम भी मौजूद थी. यह बात अलग है कि कोल इंडिया में प्राइवेट प्लेयर्स की ताबड़तोड़ एंट्री हो रही है. सब काम धीरे-धीरे उनके हवाले किया जा रहा है. कोयला उत्पादन से लेकर कोयला खनन तक प्राइवेट लोगों को आवंटित की जा रही है. अब ओवर बर्डेन से बालू निकालने के काम में भी प्राइवेट प्लेयर्स के आने के संकेत है. देखना है कि इस योजना-परियोजना में आगे काम कैसे बढ़ता है. कोलियरी क्षेत्र में जहां भी आप चले जाएं,आपको ओवर बर्डेन के बड़े-बड़े पहाड़ दिख जाएंगे. यह पहाड़ अब धीरे-धीरे समस्या बनते जा रहे है.
बरसात के दिनों में जब यह पहाड़ दरकते हैं, तो खतरा पैदा करते है
बरसात के दिनों में जब यह पहाड़ दरकते हैं, तो खतरा पैदा करते है. इन पहाड़ों में कोयले के अलावे कई तरह के मिनरल्स भी होते है. अगल-बगल रहने वाले लोग इनमें से कोयला चुनने भी जाते है. नतीजा होता है कि जब पहाड़ दरकते है, तो दुर्घटनाएं होती है. कोलियारियों से निकलने वाले इस ओवरबर्डेन को जहां-तहांं रख दिया जाता है. कई जमीन मालिकों की शिकायत है कि उनकी जमीन पर ओवरबर्डेन का पहाड़ बना दिया गया है. अब जब कोल इंडिया इस ओवरबर्डन की उपयोगिता साबित करने और नदियों पर दबाव कम करने की योजना पर काम कर रहा है, तो सबकी नजर इस ओर टिक गई है. हालांकि योजना अभी प्रारंभिक दौर में है, लेकिन अगर यह जमीन पर उतर जाए तो कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियों को राजस्व की वृद्धि तो होगी ही, साथ ही साथ इलाके में ओवर बर्डेन के पहाड़ भी धीरे-धीरे ही सही, खत्म होने लगेंगे.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
4+