धनबाद(DHANBAD): देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया की दो अनुषंगी कंपनी बीसीसीएल और सीएमपीडीआईएल की हिस्सेदारी को खुले बाजार में बेचने को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई है. नए साल में अंतिम निर्णय हो सकता है. दोनों कंपनियों की 25% हिस्सेदारी खुले बाजार में बेचने की योजना है. सेबी में दोनों कंपनियों की लिस्टिंग करने के लिए कोल इंडिया ने बुक रनिंग लीड मैनेजर की नियुक्ति कर दी है. सूचना के अनुसार बीसीसीएल को लिस्ट करने की जिम्मेवारी आईसीआईसीआई और आईडीबीआई बैंक को दी गई है. जबकि सीएमपीडीआई की लिस्टिंग का काम एसबीआई कैप और आईडीबीआई को दिया गया है. अब बुक रनिंग लीड मैनेजर की टीम कंपनियों का दौरा करेगी और अधिकारियों के साथ बैठक करेगी .
दोनों कंपनियों की 25% शेयर की बिक्री की प्रक्रिया डेढ़ साल पहले शुरू हुई थी
बता दे कि कोयला मंत्रालय ने दोनों कंपनियों की 25% शेयर की बिक्री की प्रक्रिया डेढ़ साल पहले शुरू की थी. कोल् इंडिया बोर्ड इस संबंध में पहले ही प्रस्ताव पारित कर चुका है. बुक रनिंग लीड मैनेजर की नियुक्ति की निविदा इसी साल अक्टूबर में निकाली गई थी. हालांकि उद्योग जगत में सरकार के इस कदम को कंपनी के निजीकरण की ओर बढ़ता कदम के रूप में देखा जा रहा है. विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने शेयर बेचने की योजना पर आपत्ति दर्ज करा चुकी है. विरोध प्रदर्शन भी किए गए, लेकिन सरकार अपने फैसले पर अडिग है. बीसीसीएल कोकिंग कोल् का उत्पादन करने वाली प्रमुख सरकारी कंपनी है. यह वर्षों तक घाटे में रही थी.
बीसीसीएल एक समय बीआईएफआर में चली गई थी
बीआईएफआर में भी चली गई थी. लेकिन हाल के महीनो में इसके प्रदर्शन में लगातार सुधार हुआ है. यह बात सच है कि कोल इंडिया का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है. देश ही नहीं, बल्कि विदेश की भी सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड अब 50 साल की हो गई है. पहली नवंबर" 2024 को इस कंपनी के गठन के 50 साल पूरे हो गए है. इस कंपनी को महारत्न कोयला कंपनी का भी दर्जा प्राप्त है. 1975 में, जहां कोल इंडिया का उत्पादन लगभग 90 मिलियन टन था. वहीं 2024 में इस कंपनी का उत्पादन 775 मिलियन टन के करीब पहुंच गया है.लेकिन आउट सोर्स के बहाने और डिसइन्वेस्टमेंट कर कोयल कंपनी अब धीरे धीरे ही सही निजीकरण की ओर कदम बढ़ा रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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