धनबाद(DHANBAD) : कोल इंडिया में प्राइवेट प्लेयर्स के प्रवेश के बाद कोयले की मार्केटिंग में संभावित संकट को देखते हुए कोल इंडिया ने नई नीति पर काम करना शुरू कर दिया है. जानकारी के अनुसार देश में पहला कोयला एक्सचेंज जल्द गठित हो सकता है. यह बात केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने कही है. कोयला मंत्रालय कोल इंडिया में कोयले की बिक्री व्यवस्था में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की तैयारी में है. सब कुछ अगर ठीक-ठाक रहा तो जल्द इसकी घोषणा हो जाएगी. नई दिल्ली में कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को कहा कि देश का पहला कोयला एक्सचेंज जल्द ही गठित होगा.
कोयला एक्सचेंज यानी खरीद-बिक्री का बाजार सुलभ होगा
कोयला एक्सचेंज यानी खरीद-बिक्री का बाजार सुलभ होने से परचेज़र और सेलर को कोयले की खरीद-बिक्री में सुविधा होगी. कोयला एक्सचेंज गठित करने के लिए पहले से ही बातचीत चल रही थी. कोयला मंत्रालय की योजना के अनुसार देश में कोयला कारोबार के लिए एक्सचेंज की स्थापना से ऑनलाइन ट्रेडिंग मंच के जरिए कोयला का एक बाजार खुल जाएगा. बाजार में ईंधन की उपलब्धता भी आसान हो जाएगी, प्राइवेट प्लेयर्स के आने से भारत की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया और इसकी अनुषंगी कंपनियों की परेशानी आगे बढ़ने की संभावना है.
कोल इंडिया के एकाधिकार पर संकट के बादल
कोयले की बिक्री में अब कोल इंडिया का मोनोपोली नहीं चल सकती है. प्राइवेट प्लेयर से कंपनी को चुनौती मिल सकती है. कैप्टिव और कमर्शियल कोल ब्लॉक से तगड़ी चुनौती मिलने से इंकार नहीं किया जा सकता है. इससे कोल इंडिया की आमदनी भी प्रभावित हो सकती है. कैप्टिव एवं कमर्शियल कोल ब्लॉकों से अब धीरे-धीरे कोयले का उत्पादन होने लगा है. ऐसे में कई बड़ी कंपनियां, जो कोयला खरीदती थी, वह खुद से उत्पादन करने लगी है. एक आंकड़े के मुताबिक अब तक कोयला मंत्रालय ने 575 मिलियन टन की क्षमता वाली 161 खदानों की नीलामी की है. 58 खदानों को खोलने की अनुमति भी मिल गई है. 54 खदानें पहले से चालू है.
पिछले वित्तीय वर्ष में 147 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ था
पिछले वित्तीय वर्ष में इन खदानों से कुल 147 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ था. यह देश के कुल कोयला उत्पादन का 15% है. चालू वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा बढ़ सकता है. एनटीपीसी, पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, कर्नाटक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, वेदांता, हिंडालको, अदानी आदि जैसे बड़े उपभोक्ता फिलहाल है. जिन्हें कोल ब्लॉक आवंटित किया गया है. इनके कोल ब्लॉक से उत्पादन शुरू होते ही यह कंपनियां कोल इंडिया से कोयला खरीदना बंद कर देगी. ऐसे में कोल इंडिया का कोयले की बिक्री पर एका धिकार नहीं रहेगा. मूल्य का भी दबाव रहेगा. समझा जा रहा है कि इन्ही चुनौतियों से निबटने के लिए कोल इंडिया में कोयला एक्सचेंज की स्थापना की तैयारी चल रही है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
4+