रांची (RANCHI): मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद पांच बेसहारा बच्चों की शिक्षा, राशन, पोषण की व्यवस्था और बच्चों की नानी के लिए पेंशन की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में चाईबासा के उपायुक्त को पीड़ित परिवार को हर जरूरी सरकारी योजनाओं से जोड़ने और बच्चों की पढ़ाई हेतु व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. वहीं, इस मामले में उपायुक्त चाईबासा ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी असुरा गांव जाकर पीड़ित परिवार से मिले. इस दौरान पता चला कि बच्चों का न तो आधार कार्ड है और न ही जन्म प्रमाण पत्र. बुजुर्ग नानी को पूर्व में पेंशन मिलता था, जो भी किसी कारणवश अब बंद हो गया है. पेंशन के कागजात भी कहीं खो गए हैं.
वहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा सभी बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र और आधार पंजीयन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. साथ ही इन पांचों बच्चों में एक चार महीने का बच्चा भी है, जिसका पालन बच्चों की चाची द्वारा किया जा रहा है. ऐसे में चार महीने के बच्चे को आंगनबाड़ी से मिलने वाले पोषक पूरक आहार उपलब्ध करवाए जाएंगे. साथ ही तीन बच्चों का नामांकन स्थानीय विद्यालय में और एक बच्चे का नामांकन आंगनबाड़ी में करवाने की प्रक्रिया की जाएगी. इसके अलावा उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजना से जोड़ने के लिए सभी प्रकार के कागजात को भी अपडेट किया जा रहा है.
यह है मामला
बता दें कि, मुख्यमंत्री को जानकारी मिली कि पश्चिमी सिंहभूम के झींकपानी स्थित असुरा गांव निवासी साहू पूर्ति और दुखी पूर्ति का निधन 24 नवंबर को हो जाने के बाद से उनके पांच बच्चे बेसहारा हो गये हैं. बच्चों को देखने वाली उनकी बुजुर्ग नानी सामाजिक सुरक्षा पेंशन से भी वंचित है. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए चाईबासा डीसी को आदेश दिया था.
.@DC_Chaibasa कृपया उक्त मामले की जांच कर पीड़ित परिवार को हर जरूरी सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए सूचित करें। साथ ही बच्चों की पढ़ाई हेतु भी व्यवस्था कर सूचित करें। https://t.co/rdbvhXZDYF
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) December 2, 2024
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