रांची(RANCHI): झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गए हैं. राज्यहित में एक के बाद एक फैसले लेकर विरोधियों को चारों खाने चित कर दिया है. विपक्ष के पास कोई मुद्दा न रहे इसके लिए सीएम हेमंत सोरेन एक-एक कांटें निकाल रहे है. चाहे रोजगार का मुद्दा हो या आवास का हो. राज्यवासियों के हित में लगातार फैसले रहे हैं. 24 जनवरी 2024 को कैबिनेट की बैठक सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई. जिसमें ये फैसला लिया गया झारखंड में अब एससी-एसटी तबके के अलावा सभी वर्ग की महिलाओं को 50 वर्ष की उम्र से वृद्धा पेंशन का लाभ मिलेगा. 50 वर्ष से अधिक आयु की हर महिला और पुरुष को प्रति माह 1000 रुपए सर्वजन पेंशन मिलेगा. इस योजना से झारखंड के करीब 18 लाख लोग लाभान्वित होंगे.
50 वर्ष से सर्वजन पेंशन का लाभ
कैबिनेट ने 50 साल तक की आयु वाले एससी-एसटी समुदाय के महिला-पुरुषों को सवर्जन पेंशन योजना का लाभ देने का फैसला लिया है, इसके साथ ही 50 वर्ष अधिक आयु की सभी वर्ग की महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपए पेंशन के रूप में दिये जायेंगे. पूर्व में वृद्धा पेंशन 60 वर्ष की आयु के बाद मिलती थी, लेकिन अब 50 वर्ष की आयु के बाद ही पेंशन मिलने लगेंगे. सरकार ने ऐसे समय में फैसला लिया है जब चुनाव की तारीख नजदीक आ गई है. इस फैसले से हेमंत सोरेन को आने वाले चुनाव में जबदस्त फायदा मिलने का आसार दिख रहा है. सरकार अब किसी भी वर्ग को नहीं छोड़ रही है. युवा, महिला, वृद्ध के साथ सभी जाति पर सीएम हेमंत का फोकस है. अभी तीन दिन पहले अबुआ आवास योजना का शुभारंभ भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती खूंटी से हेमंत सोरेन ने किया. इस योजना से 20 लाख से अधिक परिवारों को लाभ मिलेगा.
गर्भवती महिलाओं को मिलेगा निःशुल्क मातृत्व किट
कैबिनेट की बैठक में हेमंत सरकार ने गर्भवती महिलाओं को मातृत्व किट देने के प्रस्ताव पर मंजूदी दी है. गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क किट उपलब्ध कराया जायेगा, जिसमें 14 प्रकार की सामग्री होगी. एक किट की लागत 1500 रुपए की होगी. इस प्रस्ताव से छह लाख गर्भवती महिलाएं लाभान्वित होंगी।
जेपीएससी सिविल सेवा अभ्यर्थियों को 7 साल की छूट
कैबिनेट ने कुल 25 प्रस्तावों पर मुहर लगाई. इनमें एक अहम फैसला झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की आगामी सिविल सर्विस परीक्षा में अभ्यर्थियों को उम्र के कट ऑफ डेट में सात साल की छूट देने का है. अभ्यर्थियों की अधिकतम उम्र सीमा के लिए 1 अगस्त 2017 और न्यूनतम उम्र सीमा के लिए 1 अगस्त 2024 का कट ऑफ डेट तय किया गया है. यह निर्णय राज्य में सिविल सर्विस की परीक्षाओं में विगत वर्षों में हुए विलंब की वजह से लिया गया है. उद्देश्य यह है कि परीक्षाओं में विलंब के कारण जिन अभ्यर्थियों की उम्र निकल गई है, उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिल सके।
349 पदों के लिए होगी परीक्षा
11वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 349 पदों के लिए ली जायेगी. इनमें 342 रेगुलर पद हैं, जबकि सात पद बैकलॉग के हैं. 11वीं सिविल सेवा परीक्षा में वर्ष 2021 और 2022 की रिक्तियों को शामिल किया गया है. वहीं छात्र नेता मनोज यादव ने राज्य सरकार से छात्रहित में अधिकतम उम्रसीमा में कम से कम एक वर्ष की छूट देने की मांग है. कोरोना काल के मद्देनजर राज्य सरकार अधिकतम उम्र सीमा को इस परीक्षा के लिए 2016 ही रखें, ताकि इतने दिनों बाद हो रही परीक्षा से उन्हें लाभ मिल सके. सरकार 35 वर्ष की जगह इसे 40 वर्ष भी कर सकती है.
एक लंबी लकीर खींच रही है सरकार: सीएम हेमंत
कैबिनेट बैठक के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार की हर कैबिनेट की बैठक एक लंबी लकीर खींच रही है. ये बैठक भी इसी कड़ी का हिस्सा है, जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में पहली बार एक आदिवासी महिला को जज बनाने का प्रस्ताव न्यायालय को भेजा गया है. उन्होंने बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के साथियों ने कुछ किया होता तो आज राज्य की तस्वीर कुछ और होती. बता दें कि आदिवासी महिला को जज बनाने का प्रस्ताव भेज कर हेमंत सरकार ने एक बड़ा दांव खेला है. इससे आनेवाले चुनाव में फायदा मिलता हुआ दिख रहा है.
रिपोर्ट: संजीव ठाकुर
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