गढ़वा(GADHWA): गढ़वा सदर थाना क्षेत्र के लखना गांव मे प्रतिमा विसर्जन को लेकर दो समुदाय आपस मे भीड़ गए.मुस्लिम बस्ती से होकर प्रतिमा विसर्जन करने जा रहे जुलुस को मुस्लिम समुदाय के लोगो ने रोक दिया. जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ. वहीं पत्थरबाजी शुरु होने के बाद स्थिति बिगड़ता देख पुलिस की ओर से भी बचाव के लिए लाठिया भांजी गई. पत्थरबाजी में दोनों पक्ष के कई लोगों को चोटें आयी है, जबकि दोनों पक्ष के तीन लोग रांची रेफर किए गए है. पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी की पहल पर देर रात दो शर्त के आधार पर प्रतिमा का विसर्जन हुआ.
पढ़ें पूरा मामला
आपको बताये कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दस घंटे तक माता के प्रतिमा को विसर्जन करने से रोका था. माता की प्रतिमा को रोके जाने की जानकारी जैसे ही लोगों को हुई लोग आक्रोशित हो गए. वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग भी अपने बस्ती से माता की प्रतिमा को विसर्जन नहीं होने देने के लिए अड़े हुए थे. माहौल बिगड़ता देख भारी संख्या मे पुलिस बल की तैनाती की गई. इसके बाद तो अचानक पत्थरबाजी शुरू हुई. इस पत्थरबाजी की घटना मे एक दर्जन से ऊपर लोगों को चोट लगी जिसके बाद माहौल और बिगड़ गया.
इस तरह मामला हुआ शांत
स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक बीजेपी नेता सतेंद्रनाथ तिवारी ने गांव पहुंचकर एक पहल की. इस पहल में मुस्लिम समुदाय और हिन्दू समुदाय के पांच-पांच लोग बैठककर शर्त के आधार पर माहौल शांत करने के लिए राजी हुए. जिसमें अब विवादित सरकारी रास्ते से होकर न तो कभी प्रतिमा का विसर्जन होगा और न ताजिया या सिफर जाएगी. मौके पर पूर्व विधायक ने कहा कि प्रतिमा विसर्जन में रास्ता को लेकर विवाद था, जिसे दोनों पक्ष के लोगों ने आपसी सहमति से निपटा लिया है. कुछ बाहरी लोगों का इस गांव में जमाव हो गया था, उन्होंने ही इस गांव मे आपसी भाईचारगी को ख़राब किया है.
पढ़ें मामले पर डीसी ने क्या कहा
वहीं डीसी ने कहा कि लिखित सहमति अभी बनाई गई है. यह दोनों समुदाय के लोगों ने मिलकर किया है फिर हाथ मिलाया है. यही खूबसूरती की एक अच्छी झलक है. पूर्व विधायक ने भी खूब मेहनत किया है हमने तो इन्हें मना कर दिया था, लेकिन इन्होनें ही आकर मामला को शांत कराया. एसपी दीपक पाण्डेय ने कहा कि प्रतिमा विसर्जन को लेकर दो समुदायो मे तनाव था अब शांत हो गया है जो भी दोषी होंगे उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी.
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