गढ़वा (GARHWA) : गढ़वा जिले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश की अनदेखी का मामला सामने आया है. भवनाथपुर थाना क्षेत्र के रोहनिया गांव निवासी 25 वर्षीय रानू अगरिया गंभीर हालत में इलाज के अभाव में दर-दर भटकने को मजबूर है. दरअसल, रानू अगरिया के दाएं घुटने में चार साल पहले हरियाणा के पानीपत में मजदूरी के दौरान सरिया से गंभीर चोट लगी थी. उसके परिवार ने जमीन बेचकर 50,000 रुपये में निजी अस्पताल में इलाज कराया, लेकिन जख्म ठीक नहीं हुआ. रानू ने गढ़वा के सदर अस्पताल से लेकर यूपी के रॉबर्ट्सगंज तक इलाज करवाया, लेकिन कहीं भी उसे राहत नहीं मिली.
मुख्यमंत्री के आदेश पर जिला प्रशासन हुआ था सक्रिय
विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान नेताओं ने इलाज का भरोसा दिया था. इसके बाद विधायक अनंत प्रताप देव ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया. मुख्यमंत्री के आदेश पर मंगलवार को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुए. रानू को घर से एंबुलेंस के जरिए गढ़वा सदर अस्पताल लाया गया. चिकित्सकों ने रक्त जांच और मरहम-पट्टी की, लेकिन बुधवार को उसे लावारिस हालत में छोड़ दिया गया है.
मरहम पट्टी के बाद नहीं है कोई पूछने वाला – रानू
रानू ने बताया, “मुझे एंबुलेंस से लाकर यहां छोड़ दिया गया. केवल मरहम-पट्टी की गई, और अब कोई पूछने वाला नहीं है. निराश होकर घर लौट रहा हूं.” वहीं रानू के पिता कल्पनाथ अगरिया ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन ठीक से नहीं किया. रानू का कहना है कि सरकारी तंत्र की उपेक्षा ने उसे और उसके परिवार को असहाय बना दिया है.
रिपोर्ट. धर्मेन्द्र कुमार
4+