रांची(RANCHI)- बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के द्वारा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के कथित कारनामे के संबंध में वीडियो जारी होने के बाद सरकार के द्वारा उठाए गए कदम से राज्य के नौकरशाहों यानी ब्यूरोक्रेट्स में हड़कंप है. वीडियो जारी होने के कुछ ही घंटे के अंदर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पुराने पसंदीदा आईएएस अधिकारी प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को साइड लगा दिया है.
भ्रष्टाचार के किसी भी मामले को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक संदेश देने का प्रयास किया है कि वे भ्रष्टाचार के किसी भी मामले को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे. सरकार के कई अधिकारियों की यह आदत रही है कि वे मनमाने तरीके से काम करते रहे हैं. इससे भ्रष्टाचार के रास्ते खुलते हैं. यह संदेश सरकार के लिए छवि खराब करने वाले हैं. झारखंड राज्य में बहुत सारे अच्छे अधिकारी भी हैं जो अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक आईएएस अधिकारी ने कहा कि सरकार का यह कड़ा संदेश है. इसे समझने की जरूरत है. इधर सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को बीजेपी द्वारा जारी वीडियो के आधार पर हटाया जाना सरकार की ईमानदारी और स्वच्छ छवि को दर्शाता है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की हो रही तारीफ
उल्लेखनीय है कि बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने रविवार को प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान वीडियो जारी करते हुए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का द्वारा एक दलाल विशाल चौधरी के दफ्तर में संचिका निष्पादन करते हुए आरोप लगाया था कि ऐसे ही लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं. बाबूलाल मरांडी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मांग की थी कि राजीव अरुण एक्का पर कार्रवाई की जाए. यह मामला उजागर होते ही महज कुछ घंटों में ही मुख्यमंत्री ने अपने प्रधान सचिव को हटाकर पंचायती राज विभाग का प्रधान सचिव पद पर पदस्थापित कर दिया. सरकारी सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में जांच भी होगी और आगे नियमानुसार कार्रवाई भी हो सकती है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस कदम की तारीफ हो रही है.
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