मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जवाबों का मसौदा किया तैयार, जानिए ईडी के सवालों का क्या देंगे सीएम हेमंत जवाब


रांची(RANCHI): झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी दफ्तर में पूछताछ हो रही है. इस पूछताछ में साहेबगंज में हुए अवैध खनन मामले में ईडी सीएम हेमंत से सवाल पूछेगी. ईडी का आरोप है कि साहेबगंज में 1000 करोड़ का अवैध खनन हुआ है और ईडी ने इस अवैध खनन में मुख्य आरोपी सीएम हेमंत के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को बनाया है. मगर, ईडी दफ्तर जाने से पहले सीएम हेमंत ने ईडी की जांच पर सवाल उठाए हैं और उन्हें झूठे केस में फंसाने का आरोप बीजेपी पर लगाया है. सीएम हेमंत ने कहा कि ईडी द्वारा साहेबगंज जिले में जो 1000 करोड़ के अवैध खनन का आरोप लगाया गया, वह संभव नहीं है. सीएम ने ये भी कहा कि ईडी को अपनी जांच दुरुस्त करने पर विचार करना चाहिए. इसके पीछे सीएम ने कई तर्क भी दिये हैं और यही तर्क ईडी की पूछताछ में भी सीएम अपने बचाव में रखेंगे. चलिए जानते हैं कि सीएम ने क्या तर्क देकर ईडी की जांच पर सवाल उठाए हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिए ये तर्क
1. खनन विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले दो वर्षों में पूरे झारखण राज्य में 9 करोड मेट्रिक टन पत्थर का खनन हुआ है, जिसमें 60% बोल्ड, 35% स्टोन चीप्स और 5% स्टोन डस्ट इत्यादि है. इस 9 करोड़ मेट्रिक टन में से करीब 20% पत्थर का खनन साहेबगंज जिला में हुआ है.
2. राज्य को 95 रुपये प्रति मेट्रिक टन रॉयल्टी बोल्डर पर, 175 रुपये प्रति मेट्रिक रॉयल्टी स्टोन चीप्स पर और 18 रुपये प्रति मेट्रिक टन स्टोन डस्ट पर रॉयल्टी प्राप्त होता है.
3. इस प्रकार भारित औसत (weighted average) के आधार पर राज्य को 120 रुपये प्रति मेट्रिक टन रॉयल्टी पत्थर खनन से प्राप्त होता है.
4. दो वर्षों में 1000 करोड़ रुपये के रॉयल्टी के नुकसान के लिए करीब 8 करोड़ मेट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन साहेबगंज जिले में करने की आवश्यकता होगी, जो उस जिले में हुए वैध खनन का चार गुणा होता है.
5. दो वर्षों में 8 करोड़ मेट्रिक टन पत्थर के परिवहन के लिए 20,000 से अधिक रेलवे रेक या 33 लाख से अधिक ट्रक की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि एक रेलवे रेक की क्षमता 4000 मेट्रिक टन और एक ट्रक की क्षमता 25 मेट्रिक टन होती है.
6. रेलवे बगैर माईनिंग / मिनरल चालान के लोडिंग की अनुमति नहीं देता है. ऐसा प्रतीत होता है कि आपने एक भी रेलवे रेक बगैर चालान नहीं पाया है क्योंकि अभी तक आपने किसी भी रेलवे कर्मचारी /अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की है.
7. आपने बताया है कि पिछले दो वर्षों में 6500 रेलवे रेक साहेबगंज जिले से पत्थर खनन के लिए उपयोग किए गए हैं. यदि इन सारे 6500 रेलवे रेक से केवल अवैध रूप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन भी किया जाता है (जो संभव नहीं है) तो भी ये 8 करोड़ मेट्रिक टन अवैध खनन किये गये पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते हैं, जिससे 1000 करोड़ रुपये का रॉयल्टी प्राप्त हो सके.
8. इसके अतिरिक्त दो वर्षों में 8 करोड़ मेट्रिक टन अवैध पत्थर के परिवहन के लिए प्रतिदिन 4500 ट्रक की आवश्यकता होगी, जबकि पूरे साहेबगंज जिला में करीब 800 ट्रक मात्र ही निबंधित और चालू अवस्था में है.
9. साहेबगंज में कुछ घाट है जहां से आप Claim करते हैं कि जहाज माध्यम से अवैध रुप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन किया जाता है.
10. परन्तु उपलब्ध सभी रेलवे रेक. ट्रक, जहाज मिलकर भी 8 करोड़ मेट्रिक टन अवैध रुप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते थे, जिससे कि राज्य को 1000 करोड़ रुपये रॉयल्टी का पिछले दो वर्षों में नुकसान हो सके.
11. ना केवल परिवहन असंभव है, बल्कि इतने क्रशर और अन्य संसाधन जैसे टिप्पर इत्यादि साहेबगंज में कहां है जिससे कि 4 करोड़ मेट्रिक टन प्रति वर्ष अवैध पत्थर खनन को अंजाम दिया जा सके, जबकि साहेबगंज में प्रत्येक वर्ष वैध खनन मात्र 1 करोड़ मेट्रिक टन पत्थर का है? किसी भी परिस्थिति में 1 करोड़ मेट्रिक टन के वैध खनन के लिए उपलब्ध क्षमता और संसाधन से 4 करोड़ मेट्रिक टन अवैध खनन संभव प्रतीत नहीं होता है.
12. आप मात्र साहेबगंज में 1000 करोड़ रुपये के अवैध पत्थर खनन का Claim कर रहे हैं, जबकि जैसा कि मैंने पहले कहा है कि पूरे झारखण्ड राज्य को पत्थर खनन से पिछले 2 वर्षों में समेकित रूप से कुल 750 करोड़ रुपये रॉयल्टी के रुप में प्राप्त हुए हैं.
सीएम ने ईडी को पुनर्विचार करने के लिए कहा
सीएम ने इन तर्कों के बाद ईडी को कहा कि मुझे लगता है कि आपने उक्त तथ्यों और आंकड़ों को साहेबगंज में 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन का आरोप लगाने के पहले संज्ञान में नहीं लिया है. ED को बगैर तथ्यों और आंकड़ों का सत्यापन किये 1000 करोड़ रुपये का अवैध खनन संबंधी सनसनीखेज वक्तव्य जारी करना शोभा नहीं देता है, वह भी तब जब पिछले करीब 1 वर्ष से जांच की जा रही है और 50 से अधिक रेड (raids) किए जा चुके हैं. मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आपे अपने claim पर पुनर्विचार करेंगे और सनसनीखेज बयानों से परहेज करेंगे जो तथ्य और आंकड़ों के द्वारा सत्यापित नहीं हो. क्योंकि ऐसा गैर जिम्मेवार न केवल राज्य के संबंधित विभाग और उसके कर्मियों की छवि धूमिल करते हैं बल्कि झारखण्ड राज्य की छवि भी खराब होती है.
रवि केजरीवाल पर लगाया फंसाने का आरोप
सीएम ने आगे ये भी कहा कि इससे यह भी लगता है कि राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने रवि केजरीवाल से मुझे अवैध खनन में फंसाने के लिए बयान दिलवाए हैं. रवि केजरीवाल JMM का एक सदस्य था और वर्ष 2020 में निष्कासित किए जाने के पहले वह झामुमो का कोषाध्यक्ष के पद पर था. उसके खिलाफ JMM के द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी. तब से रवि केजरीवाल मेरा जानी दुश्मन बन चुका है और मुझे आश्चर्य नहीं होगा यदि वे मुझसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए मेरे उपर गलत आरोप लगाए.
ईडी के आरोप के बाद सीएम हेमंत का ये तर्क तार्किक तो लगता है, लेकिन जाहिर है कि ईडी ने भी इसके लिए अपनी तैयारी कर रखी होगी. अब तो बस इंतजार है कि पूछताछ के बाद क्या रिजल्ट निकलता है.
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