रांची (RANCHI) : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोर्ट से राहत नहीं मिली है. एमपी एमएलए की विशेष अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. अब उनके पास दो ऑप्शन बताए जा रहे हैं. एक तो हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना या फिर कोर्ट में सशरीर उपस्थित हो जाना. कोर्ट ने उन्हें 4 दिसंबर को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया है.
समन की अवहेलना मामले में हेमंत सोरेन को कोर्ट ने राहत नहीं दी है. एमपी एमएलए कोर्ट में यह मामला चल रहा था. लगातार समन पर हाजिर नहीं होने पर ईडी ने रांची सीजेएम कोर्ट में शिकायत वार्ड तैयार किया था. कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए हेमंत सोरेन को उपस्थित होने के लिए समन जारी किया था, लेकिन हेमंत सोरेन कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए.
क्या चाहते थे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
8.8 एकड़ जमीन के कथित फर्जीवाड़ा मामले में पूछताछ के लिए ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन पर समन जारी किया था. कुल 10 समन जारी किए गए थे. इनमें से मात्र दो समन पर हेमंत सोरेन ईडी के सामने हाजिर हुए थे. ईडी ने कोर्ट से समन की अवहेलना की शिकायत की थी. कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया था.
कोर्ट ने पिछले जून में यह मामला एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था. इस मामले पर सुनवाई हुई. हेमंत सोरेन की ओर से याचिका दाखिल कर कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने से छूट की मांग की गई थी. कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है.
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