रांची(RANCHI): शराब घोटाले की जांच फिर से तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ ACBने झारखंड के आईएएस अधिकारी विनय चौबे के खिलाफ मामला दर्ज किया है.इनके अलावा उत्पाद संयुक्त आयुक्त गजेन्द्र सिंह को आरोपी बनाया है.शराब नीति फेर बदल कर झारखंड और छत्तीसगढ़ में एक ही सिंडिकेड का कब्जा था. जिससे झारखंड में सरकार को बड़ा नुकसान हुआ है. इसका खुलासा छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच से हुआ है जिसके बाद जांच की आंच झारखंड पहुंची और अब आईएएस अधिकारी को आरोपी बनाया गया है.
2022-23 में राज्य सरकार को हुआ नुकसान
सूत्रों की माने तो 2022 में सिंडिकेड से जुड़े आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा ,अनवर ढेबर के अलावा अन्य लोगों ने झारखंड में तत्कालीन उत्पाद आयुक्त विनय चौबे से मिलकर शराब नीति बनवाई थी.जिससे सिंडीकेट को बड़ा फायदा हुआ. लेकिन सरकार को शराब बिक्री में बड़ा घाटा उठाना पड़ा.लेकिन नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया. सरकार को 2022-23 में घाटा का सामना करना पड़ा. जबकि कंपनी को फायदा हुआ है. इसके बदले कमीशन के तौर पर मोटी रकम अधिकारियों को मिली थी.
कैसे हुआ खुलासा
शुरुआत में छत्तीसगढ़ ACB में शिकायत की गई. जिसके बाद जांच में सिद्धहार्थ सिंघानियाँ के ठिकानों पर छापेमारी की गई. इस रेड में एक डायरी जांच एजेंसी को हाथ लगी. जिसमें पूरे शराब घोटाले का ब्योरा दर्ज था. इसके बाद ही झारखंड में घोटाले का खुलासा हुआ. डायरी में लिखा था की कैसे शराब के कारोबार में झारखंड में सिंडिकेड कब्जा जमा रहा है. इसके बदले किसे कितना कमीशन दिया जा रहा है. झारखंड के आईएएस अधिकारी को कैसे संपर्क किया गया. उन्हे कितना पैसा अब तक पहुंचया गया. इस डायरी ने ही इस पूरे शराब घोटाले का लिंक झारखंड से जोड़ दिया. जिसके बाद अब जांच एजेंसी कार्रवाई करने की तैयारी में है.
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