धनबाद (DHANBAD) : बिहार के बहुचर्चित बालू घोटाले में एक और चार्ज शीट दायर होने की सूचना धनबाद पहुंची है. बता दें कि जीवन भर लग्जरी जीवन जीने वाले और कोयला, बालू तथा शराब के कारोबार से अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले धनबाद के कई कारोबारी फिलहाल जेल की चहारदीवारी में बंद है. अब कारोबार में की गई गड़बड़ी ही उन पर भारी पड़ रही है. सूचना के मुताबिक अवैध बालू खनन कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को दो आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट दायर की है. अदालत में आदित्य मल्टी कॉम के कोलकाता के सीए और किसी जमाने में कोयलांचल के "कोयला किंग" रहे सुरेश सिंह के पुत्र अजय सिंह के खिलाफ यह चार्ज शीट दायर की गई है. इन दोनों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएल एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.
दो लोगो के खिलाफ मंगलवार को दायर की गई है चार्ज शीट
जानकारी के अनुसार कंपनी के सीए जय नारायण गुप्ता और अजय सिंह के खिलाफ चार्ज शीट दायर की गई है. प्रवर्तन निदेशालय ने जय नारायण गुप्ता को 9 अक्टूबर को तथा अजय सिंह को 28 सितंबर को गिरफ्तार किया था. सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने 13 सितंबर'2023 को एमएलसी राधा चरण सेठ को इस घोटाले में पहले गिरफ्तार किया था. उसके बाद उनके बेटे कन्हैया प्रसाद की गिरफ्तारी हुई. फिर 16 सितंबर को धनबाद के बालू कारोबारी जगनारायण सिंह उर्फ जगन सिंह और उनके बेटे सतीश सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया. उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि धनबाद के कुछ और लोगों की गिरफ्तारी होगी. इसी बीच सूचना आई कि धनबाद के पुंज सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. 5 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने धनबाद सहित हजारीबाग, बंगाल में छापेमारी की थी. यह छापेमारी धनबाद में कम से कम आधा दर्जन ठिकानों पर की गई थी और दस्तावेज जब्त किए गए थे.
बिहार का यह बालू घोटाला 250 करोड़ का है
यह घोटाला लगभग 250 करोड़ का है. धनबाद में रहकर "रिमोट" से बिहार के सोन नदी से "सोना" निकालने वाले धनपशुओं की परेशानी बढ़ती जा रही है. उन्हें क्या मालूम था कि सोन नदी का "सोना" उनको सलाखों तक पहुंचा देगा. बिहार की सोन के "बालू से तेल" निकालने वालों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन उनके लिए यह जी का जंजाल बन जाएगा. बिहार के बालू घोटाले को लेकर धनबाद में 5 जून की छापेमारी के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय की पहली बार एंट्री हुई थी. इसके पहले धनबाद में कभी प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी नहीं हुई थी. जिनके यहां छापेमारी हुई, जिनकी गिरफ्तारियां हुई, उनमें से कई पहले स्क्रैप का काम करते थे, कुछ कोयले का काम भी करते थे. किसी का बालू पुश्तैनी धंधा था.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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