छपरा(CHPRA): दूल्हा छपरा का और दुल्हन सात समुंदर पार हंगरी की. सच ही कहा गया है कि प्रेम किसी प्रकार के दीवार को नहीं मानता. जब दो प्रेमी दिल एक होने की सोचते हैं तो समाज परिवार देश-विदेश सब की सीमाएं टूट जाती है और बच्चों के खुशी के लिए अभिभावक भी बच्चों के फैसले में शामिल हो जाते हैं. छपरा जिले के दिघवारा प्रखंड के रामदास चक्र निवासी सुनील कुमार सिंह तथा सुलोचना देवी के पुत्र अमन कुमार जो हंगरी में होटल मैनेजमेंट तथा शिप मैनेजमेंट करने के बाद व्यवसाय में लगे हुए है वहीं की सुंदरी विवियान जावरस पिता टीबोर जानोस जवारस माता स्वर्गीय कृष्टिन सिरसोम एलोड स्ट्रीट सर्जेट्रेड हंगरी के संघ पटना के राजीव नगर अवस्थित मिथिला उत्सव हॉल में परिणय सुत्र में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार बढ़ गए. कन्या का नामकरण अर्चना सिंह किया गया. यह शादी छपरा जिले के दिघवारा प्रखंड में पिछले कई महीनो से चर्चा के केंद्र में थी.
कैसे हुआ दोनों को प्यार
खबर के अनुसार हंगरी निवासी विवियान वहां के सरकारी स्कूल में म्यूजिक टीचर है. पिछले 4 वर्षों से दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. विवियन को भारतीय संस्कृति से बेहद प्रेम है वह चाहती थी कि भारत में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादी हो इसी कारण से अपने परिजनों के संग में पटना आ गई यहां पर आने के बाद कथा, मटकोर, हल्दी ,मड़वा, मेहंदी-संगीत उत्सव का भी आयोजन किया गया. जिसमें वर पक्ष और कन्या पक्ष के लोगों ने भाग लिया बारात आई तो द्वार पूजा हुआ गीत गाए गए, लड़के की आरती उतारी गई. वे सभी रस्म हुई जो हिंदू विवाह में होते हैं. गुरहथी का भी रस्म हुआ. गांव से ब्राह्मण हाजम कुंभार को भी बुलाया गया था. सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहा प्राचीन जमाने में शादियों में बजाने वाला सिंघा. बारात जब दरवाजे पर आई तो लगा ही नहीं की दुल्हन विदेशी है.
परिजनों को मनाने मे हुई परेशानी
अमन ने बताया कि उनकी प्रेमिका जो अब अर्चना बन गई है, उनका भारतीय सभ्यता संस्कृति यहां के रीति रिवाज से विशेष प्रेम रहा है. यही कारण था कि दोनों एक दूसरे के करीब आए. शादी में शुरू में परिवार वालों की सहमति नहीं थी फिर भी प्रयास जारी रहा और अंत में घर के लोग भी मान गए. उसके बाद तय हुआ की शादी बिहार में ही होगी और सभी रस्म भी निभाई जाएंगे जो शादियों में निभाए जाते हैं. शादी से पहले दूल्हे ने अपने गांव में पेड़ लगाकर एक नई मिसाल भी कायम की. दूल्हे के फुफेरे भाई तरैया के भगवतपुर निवासी अभिमन्यु कुमार मनीष ने कहा कि जमाना बदल गया और अभिभावकों को भी अब अपने बच्चों की खुशियों में ही खुशियां तलाशना पड़ रही है, पर खुशी की बात यह है की माता-पिता की रजामंदी से सनातन धर्म के अनुरूप यह शादी हुई है. दुल्हन ने कहा कि उसे हिंदी आती है और यहां के बारे में बहुत कुछ जानती भी हैं. उन्हें भारत की महिलाएं उनके ट्रेडिशनल लुक बेहद पसंद है.
रिपोर्ट ऋषि नाथ
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