रांची(RANCHI): झारखंड में जल्द कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. पिछले चार वर्षों से खाली 12 वां मंत्री पद भरने की उम्मीद जगी है. इसे लेकर गठबंधन में मंथन तेज हो गया है. गठबंधन की ओर से विधायक कल्पना सोरेन को एक बड़ी जिम्मेवारी देने की तैयारी है. चंपाई सोरेन सरकार में 12 वें मंत्री के रूप में जगह मिल सकती है. साथ ही विधायक इरफान अंसारी की भी किस्मत का ताला खुलने वाला है. जेल में बंद मंत्री आलमगीर आलम की जगह इरफान अंसारी की ताजपोशी की जा सकती है. मंत्रिमंडल में जल्द ही नए चेहरे की संभावना है.
कल्पना को महत्वपूर्ण विभाग
बता दे कि हेमंत सोरेन के जेल जानें के बाद कल्पना सोरेन गठबंधन में एक बड़ी नेत्री की रूप में सामने आई है. झामुमो की पूरी बागडोर कल्पना सोरेन के हाथ में है. अब उपचुनाव में भी जीत का परचम लहराया दिया है. इससे साफ है कि कल्पना सोरेन का कद पार्टी में बढ़ गया है. लेकिन फिलहाल कोई भी पद उनके पास नहीं है. अब चर्चा है कि चंपाई सोरेन सरकार में कल्पना सोरेन को मंत्री बनाया जा सकता है. कई महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेवारी भी दी जा सकती है. मंत्री के अलावा पार्टी में भी उपाध्यक्ष या महासचिव का पद कल्पना को आलाकमान दे सकता है. इसके अलावा जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी को भी जल्द मंत्री मण्डल में शामिल किया जा सकता है.
आलमगीर की जगह इरफान
मंत्री आलमगीर आलम जेल में बंद है. उनपर ग्रामीण विकास विभाग में तीन हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा है. ईडी ने कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया. इसके बाद चंपाई सोरेन ने सभी विभाग वापस ले लिया है. अब इरफान को मंत्री मण्डल में शामिल करने की तैयारी है. संभवत ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेवारी मिलने वाली है.गठबंधन की सरकार में कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम मंत्री है. आलमगीर आलम अल्पसंख्यक है ऐसे में कांग्रेस आलाकमान किसी अल्पसंख्यक को ही मंत्री बनाने की सोच रही है.
लोकसभा चुनाव में इरफान ने दिलाई लीड
इरफान अंसारी झारखंड में अल्पसंख्यक की आवाज बन कर उठाते रहते है. जब लोकसभा चुनाव में भी देखा गया की फुरकान अंसारी और इरफान अंसारी ने अल्पसंख्यक वोटरों को एक जुट रखा. वोट का ध्रुवीकरण होने से बचा लिया. जिसका फायदा भी देखने को मिला. इरफान के क्षेत्र से करीब 36 हजार वोट से गठबंधन के प्रत्याशी को बढ़त मिली थी. इन सब गतिविधियों को देखते हुए अब मंत्री बनाने की कवायद शुरू हो गई है. हालांकि इसपर अभी किसी तरह का बयान देने से सभी नेता बच रहे है.
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