दुमका(DUMKA): आज का दिन दुमका के लिए ऐतिहासिक है. क्योंकि दुमका वासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई. झारखंड की उप राजधानी दुमका, बिहार की राजधानी पटना से ट्रेन मार्ग से जुड़ गया. अब दुमका से पटना के लिए भागलपुर होकर प्रतिदिन एक्सप्रेस ट्रेन चलेगी.
ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए दुमका सांसद सुनील सोरेन, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और दुमका विधायक बसंत सोरेन स्टेशन पहुंचे थे. रेलवे द्वारा तैयारियां जोर-शोर से की गई थी, लेकिन स्टेशन परिसर पर उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब रसिकपुर और आसपास के लोग एक तरफ तो दुमका सांसद सुनील सोरेन के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए वहीं गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की जयकारे लगाए. दोनों भाजपा से सांसद हैं. सुनील सोरेन को अपने घर में ही स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा.
जानिए पूरा मामला
दरअसल 2 वर्ष पूर्व दुमका रेलवे स्टेशन परिसर से कोयला डंपिंग यार्ड की शुरुआत की गई है. शुरू होने के पूर्व से ही रसिकपुर और आसपास के लोग इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. इसके बावजूद कोयला डंपिंग यार्ड चालू हो गया. पाकुड से सड़क मार्ग से कोयला दुमका लाया जाता है जहां से गुड्स ट्रेन के माध्यम से देश के अन्य हिस्सों में भेजा जाता है. लेकिन कोल डंपिंग यार्ड शुरू होने से स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. रसिकपुर और आसपास के लोगों का कहना है कि जब से कोल डंपिंग यार्ड शुरू हुआ है तब से स्टेशन परिसर से लेकर आस पास के घरों तक कोयला का रख पहुंच रहा है. वातावरण प्रदूषित हो रहा है. लोगों को परेशानी हो रही है. इस समस्या के समाधान के लिए चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है. जगह-जगह आरजू मिन्नतें की गई. आवेदन दिया गया. इसके बाबजूद आज तक कोयला डंपिंग यार्ड दुमका स्टेशन से नहीं हट पाया. इन लोगों की बस एक ही मांग है कि कोल डंपिंग यार्ड को सघन अधिवास से दूर स्थानांतरित किया जाए. प्रदर्शनकरियों का कहना है कि कई बार इसको लेकर सांसद सुनील सोरेन से भी गुहार लगाई गई लेकिन समाधान नहीं हुआ.
स्थिति बिगड़ता देख मंच से अपने संबोधन में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने दुमका वासियों को भरोशा दिलाया की कोल डंपिंग यार्ड को सघन अधिवास से दूर स्थानांतरित करने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे. इसके लिए उन्होंने 6 महीने से 1 साल का समय लिया है. अपने संबोधन में दुमका सांसद सुनील सोरेन ने भी वही बात दोहराई. कहा कि इसके लिए प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने भरोशा दिया कि आने वाले समय में समस्या का समाधान हो जाएगा. वही दुमका विधायक बसंत सोरेन ने कहा कि उनकी बस एक ही ख्वाहिश है कि दुमका को उप राजधानी का दर्जा दिया गया है तो यह अप राजधानी की तरह दिखे भी. दुमका से पटना के लिए सीधी ट्रेन सेवा शुरू होना काफी खुशी की बात है.
दरअसल आजादी के वर्षों बाद दुमका जिला रेलवे के मानचित्र पर आया. लगभग 1 दशक पूर्व यहां से ट्रेन सेवा की शुरुआत हुई. ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद लोग दिल्ली, कोलकाता, पटना सहित अन्य राज्यों के लिए सीधी ट्रेन सेवा की मांग करते आ रहे हैं. अब तक दुमका रांची और कोलकाता से ही ट्रेन मार्ग से जुड़ा था लेकिन आज जब पटना के लिए सीधी ट्रेन सेवा की शुरुआत हो गई तो अब पटना दूर नहीं रहा. दुमका वासियों की बरसों पुरानी मांग पूरी हुई. यहां के लोगों की बस एक और ख्वाहिश है कि जल्द से जल्द देश की राजधानी के लिए भी दुमका से ट्रेन खुले. लोग तुलना गोड्डा से करते हैं. लगभग 3 वर्ष पूर्व गोड्डा जिला रेलवे के मानचित्र पर आया और आज गोड्डा से कई राज्यों के लिए ट्रेन सुविधा उपलब्ध है.
रिपोर्ट: पंचम झा
4+