धनबाद(DHANBAD): धनबाद में एक तो बारिश का कहर,दूसरी ओर इस बारिश में भी लोग सड़क जाम से परेशान हैं. शहर की सड़कों पर 50% से अधिक अवैध कब्जा है. इसके अलावे कई जगहों पर सड़क पर ही बिल्डिंग मटेरियल गिराकर काम होते हैं. नतीजा है कि 5 मिनट के रास्ते तय करने में लोगों को घंटो लग जाते हैं. हर चौक चौराहों पर गुमटियां लगी हुई हैं. नतीजा होता है कि शहर की स्ट्रीट रोड की बात कौन करें, मुख्य सड़क तक जाम लग जाता है.
नो पार्किंग जोन में लगी गाड़ियों होंगी जब्त
यह बात भी सही है कि धनबाद की सड़कों पर वाहनों का लोड अधिक है. शहर में जितनी गाड़ियां चलती हैं, उसके हिसाब से सड़क नहीं है. जो सड़क हैं ,उन पर लगभग आधे हिस्से में कब्जा कर लिया गया है. एक तो सड़क के दोनों किनारे दुकान लगी होती है. दुकानों के आगे वाहन लगा दिए जाते हैं. नतीजा होता है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. लेकिन अब प्रशासन ऐसा नहीं होने देगा. सड़क के किनारे नो पार्किंग जोन में लगी गाड़ियों को जब्त किया जाएगा. ट्रैफिक विभाग इन गाड़ियों को उठाकर निकट के थाने में जमा कराकर चालान काटेगा. धनबाद डीसी के निर्देश पर नगर निगम वाहन जब्त करने वाली क्रेन मशीन खरीद कर ट्रैफिक विभाग को देगा. क्रेन मशीन खरीदने का अभियान शुरू कर दिया गया है. नगर निगम जल्द ही खरीद कर ट्रैफिक विभाग को सौंप देगा.
जाम की सबसे बड़ी वजह सड़कों पर अतिक्रमण
निगम ने यह मांग उठाई कि जब्त वाहनों से मिली राशि निगम को मिलनी चाहिए. इस पर विचार करने का आश्वासन दिया गया है. शहर की सड़कों पर 50% में अतिक्रमण है. यही जाम की सबसे बड़ी वजह है. ठेले ,खोमचे वालों से जो जगह बचती है, वहां वाहनों की पार्किंग कर दी जाती है. मुख्य सड़क पर लोग वाहनों की पार्किंग करने लगते हैं .आठ लेन सड़क का हाल देखकर तो लोग माथा पीट लेंगे .रांगाटांड में सड़क के किनारे गराज खोल लिए गए हैं. बड़े-बड़े वाहन वहां पर खड़े किए जाते हैं. नतीजा है कि गाड़ियों को आने जाने के लिए जगह नहीं मिलती है. निगम ने कोहिनूर ग्राउंड में वेंडिंग जोन भी बनाया. उसमें दुकानदारों को शिफ्ट भी कराया लेकिन खरीदार नहीं पहुंचने के कारण दुकानदार वहां से अपनी दुकान समेट कर फिर सड़क पर आ गए. नतीजा है कि शहर एक तो बारिश का कहर झेल रहा है, दूसरी ओर जाम से परेशानी झेल रहा है. देखना है यह अभियान कब से शुरू होता है और कितना सफल होता है. लोगों को इससे कितनी राहत मिलती है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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