धनबाद(DHANBAD): यह है धनबाद, यहां जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ होती है. अगर आप अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान, क्लीनिक या घर में ताला बंद कर कहीं बाहर गए हैं तो कोई भी भवन पर अपना दावा ठोक सकता है और उसे अपने कब्जे में ले सकता है. ऐसा ही मामला सोमवार को जोरापोखर थाने के जेलगोडा इलाके में सामने आया है. डॉक्टर एन एम दास के बंद पड़े नर्सिंग होम का ताला तोड़कर सोमवार को किसी दबंग ने कब्जा कर लिया है. डॉक्टर ने इसकी सूचना ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री से लेकर तमाम बड़े अधिकारियों को दी है. लेकिन नर्सिंग होम का ताला नहीं खुल पाया है. जानकारी के अनुसार डॉक्टर दास अपने नर्सिंग होम को बंद कर निजी काम से धनबाद से बाहर गए थे.
लंबे अरसे से चला रहे है नर्सिंग होम
वह लंबे अरसे से नर्सिंग होम का संचालन करते आ रहे है. इस बीच एक व्यक्ति ने उस नर्सिंग होम और पूरे मार्केट को अपना बताते हुए इस पर कब्जे की पहले करता आ रहा था. मार्केट एक ही है लेकिन इसके अब तक तीन दावेदार सामने आ गए है. मार्केट का मालिक पहले कोई रजवार हुआ करते थे. वही भाड़ा भी वसूलते थे. उसके बाद कोई तिवारी इसके दावेदार बन गए और अब कोई कुरैशी है, जो पूरे मार्केट को अपना बता रहे है. डॉक्टर का आरोप है कि कुरैशी गलत तरीके से कुछ कागजात बनवा लिए है. बिल्डिंग पर दावेदारी कर रहे है. कागजात मांगने पर दिखाते नहीं है. इस बीच आज स्थानीय पुलिस और राजनीतिक लोगों की मदद से नर्सिंग होम में प्रवेश कर गए.
सीएम सहित अन्य को दी गई है मामले की जानकारी
इस मामले की जानकारी तत्काल ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री ,डीजीपी ,उपायुक्त एवं एस एसपी को दी गई है. डॉक्टर का कहना है कि मैंने रजवार और तिवारी नामक व्यक्तियों को किराया दिया करता था. अगर कुरेशी के पास भवन के कागजात होंगे और वही वास्तविक मालिक है तो भाड़ा उन्हें ही देंगे. हमें तो तो भाड़ा में रहकर नर्सिंग होम चलाना है. उन्हें किसी से कोई विवाद नहीं है और न करना है. लेकिन ताला तोड़कर नर्सिंग होम पर कब्जा जमा लेना गैर कानूनी है. अब देखना है कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है या फिर डॉक्टर को न्यायालय की शरण में जाकर कब्जा लेना होता है. बहरहाल इस मामले की चर्चा और पुलिस की भूमिका की चर्चा इलाके में खूब हो रही है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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