धनबाद (DHANBAD): क्या 2024 के चुनाव में अधिक संख्या में ब्यूरोक्रेट्स मैदान में होंगे. वैसे तो राजनीति में कई ब्यूरोक्रेट्स नौकरी छोड़कर चुनाव जीते और सांसद ,विधायक से लेकर मंत्री बन गए. लेकिन हाल के दिनों में अवकाश ग्रहण करने वाले अधिकारी भी अब सक्रिय हैं. उनकी सक्रियता को लेकर कहा जाता है कि टारगेट उनका 2024 का चुनाव है. गैर राजनीतिक संगठन के सहारे झारखंड में राजनीतिक जमीन की तलाश में कई अधिकारी लगे हुए हैं. जागरुकता मंच नाम के इस संगठन में लगभग 4 दर्जन से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारी सक्रिय हैं .बीसीसीएल एवं सीसीएल के सीएमडी रहे गोपाल सिंह इसके अध्यक्ष है. वही बिजली बोर्ड के पूर्व चेयरमैन विजय नारायण पांडे सचिव है. अधिकारी इस मंच से जुड़े हुए हैं. सेवानिवृत्त अधिकारियों की सक्रियता राजनीतिक हलकों में चर्चा में है.
चुनावी मोड की तरफ बढ़ रहे राजनीतिक दल
कई विधायक और सांसदों को भी जागरूकता मंच की सक्रियता से खतरा दिखने लगा है. वैसे जागरूकता मंच का कहना है कि उनका उद्देश्य सिर्फ सेवा है और सेवा भावना से ही वह काम कर रहे हैं. यह मंच सेवा भारती से जुड़ा हुआ है ,इसलिए माना जाता है कि संघ से जुड़े होने के कारण मंच की विचारधारा निश्चित रूप से भाजपा से प्रभावित होगी .जागरूकता मंच की शाखाएं हर जिले मसलन धनबाद ,बोकारो, गिरिडीह, जमशेदपुर, रांची जैसे शहरों में शुरू की गई है और लोगों को इससे जोड़ा जा रहा है. मतलब साफ है कि राजनीतिक दल धीरे-धीरे चुनावी मोड की तरफ बढ़ रहे हैं .गैर राजनीतिक दल पर्दे के पीछे रहकर अपने टारगेट की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहे है. ऐसे में कुछ राजनीतिक नेताओं को भी खतरा महसूस हो रहा है. उनका मानना है कि हो सकता है कि उनकी जगह पर अवकाश ग्रहण करने वाले अधिकारियों के संगठन को टिकट मिल जाए. निश्चित रूप से जागरूकता मंच से जुड़े अधिकारी भाजपा से ही टिकट की उम्मीद रखेंगे. ऐसे में भाजपा वालों को यह खतरा अधिक महसूस हो रहा है.कोयलांचल में तो इसकी चर्चाएं जोर शोर से चल रही है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह
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