गिरिडीह(GIRIDIH): गिरिडीह पुलिस ने एक नया इतिहास रचते हुए 10 लाख का इनामी नक्सली रामदयाल महतो उर्फ वचन द उर्फ निलेश द उर्फ अमर दा को आत्म समर्पण करवाने में सफल रही है. आपको बता दें कि रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा उर्फ निलेश दा उर्फ अमर दा पिता-गुलाबचंद महतो गिरिडीह जिला ही नही बल्कि पूरे झारखंड का कुख्यात नक्सली था. जिसका बोलबाला एक समय पूरे गिरिडीह ही नहीं पूरे झारखंड में चलता था.
वर्ष 1996 97 में पहली बार इसे कमेटी का नेतृत्व करने का मौका मिला
बता दें कि रामदयाल महतो ने 90 के दशक में सबसे पहले एमसीसी का नारा से प्रभावित होकर गांव किसान कमेटी में शामिल हुए और वर्ष 1996 97 में पहली बार इसे कमेटी का नेतृत्व करने का मौका मिला और आगे चलकर इन्हें पार्टी कमेटी ने एरिया कमांडर, सब जोनल मेम्बर, जोनल मेम्बर और अंत में सर्वसम्मति से स्पेशल एरिया कमेटी का पद भार दिया गया. इस समय यह भाकपा माओवादी के जेसीएम पद पर हैं और यह शीर्ष दस्ता के प्रशांत बोस, आशुतोष सोरेन ,प्रयाग मांझी , अनल दा,मिसिर बेसरा एवं अन्य के संपर्क में रहे एवं पार्टी में काफी सक्रिय थे.
आम लोगों से भय दोहन कर लेवी वसूले जाने के कारण यह नाराज चल रहे थे
बताया जाता है कि हाल के दिनों मे नीतिगत सिद्धांतों से परे कार्य किए जाने एवं आम लोगों से भय दोहन कर लेवी वसूले जाने के कारण यह नाराज चल रहे थे. इसके संबंध में इनके अध्यक्षता में पार्टी के सदस्यों द्वारा पार्टी के मूल सिद्धांतों के अनुरूप कार्य किए जाने हेतु कई बैठक की गई परंतु बार-बार उनके सुझाव को अन्य सदस्यों द्वारा नजर अंदाज कर दिया गया. इसी बीच दिनांक 2 अगस्त 2024 को चल छलछलवा झरना के पास पार्टी की बैठक हुई. जिसमे उनके सुझावों को अन्य सदस्यों द्वारा नाकार दिया गया. इसके बाद यह अपने बीमारी एवं अधिक उम्र का बहाना बनाकर चलंत दस्त से बाहर हो गए. इसके बाद पुलिस द्वारा लगातार छापेमारी के कारण पकड़े जाने के भय से यह गिरिडीह पुलिस एवं सीआरपीएफ 154 बटालियन तथा सीआरपीएफ 7 बटालियन के पदाधिकारी के समक्ष आत्म समर्पण की स्वीकृति दी. वहीं अपने कार्यकाल में कुख्यात नक्सली ने लगभग कई दर्जन नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया और उनके खिलाफ गिरिडीह धनबाद के अलग-अलग स्थान में लगभग 54 मामले दर्ज है.
इसके बाद अन्य माओवादियों को भी प्रेरणा मिलेगी
गिरिडीह एसपी के अनुसार भाकपा माओवादी के जेसीएम सदस्य रामदयाल महतो उर्फ बच्चन द उर्फ निलेश द उर्फ अमर दा के आत्मसमर्पण किए जाने से उन उग्रवादियों को भी आत्म समर्पण करने की प्रेरणा मिलेगी तथा वह भी आत्मसमर्पण की दिशा में प्रयत्नशील होंगे, क्योंकि यह नक्सली संगठन के जेसीएम सदस्य रहे हैं. इनके साथ-साथ पूरे झारखंड में नक्सलियों के मनोबल के विरोध गिरावट आएगी. साथ ही अन्य नक्सली भी आत्म समर्पण करने के लिए प्रेरित होंगे. इस बात की जानकारी गिरिडीह पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दिया गया है.
4+