रांची (RANCHI) : राजधानी रांची में शिवराज और ड्रेनेज का डीपीआर बनाने का काम नगर विकास विभाग मैनहार्ट कंपनी को दिया था. इस कंपनी पर कथित रूप से आधा अधूरा डीपीआर तैयार करने का आरोप लगा था. जबकि इसमें 21 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ था. निर्दलीय विधायक सरयू राय इस मामले को लेकर काफी सक्रिय रहे हैं. जमशेदपुर की राजनीति भी इसके पीछे एक बड़ा कारण रही है. जमशेदपुर पूर्वी के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (वर्तमान ओडिशा राज्यपाल) के बीच का संबंध जग जाहिर है. सरयू राय इस मैनहार्ट मामले को अक्सर उठाते रहे हैं. इससे संबंधित याचिका उन्होंने हाईकोर्ट में दाखिल की थी. बुधवार को हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया.
जानिए कोर्ट में क्या कहा याचिकाकर्ता को
इस मामले में दिसंबर 2020 में राज्य सरकार के निर्देश पर एसीपी ने पीई दर्ज की थी. इस संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं आने पर सरयू राय ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसे खारिज किया गया है कोर्ट ने कहा कि अगर यह पता था कि डीपीआर के काम में गड़बड़ी हुई है. वित्तीय अनियमितता हुई है तो पुलिस थाना में प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज कराई गई. इसके अलावा कोर्ट में शिकायतवाद भी लाया जा सकता था. सिर्फ एसीबी पर छोड़ दिया गया.
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