बोकारो: तेनुघाट ओपी प्रभारी अजित कुमार सिंह के मुस्तैदी से क्षेत्र के चार नाबालिग बच्चे दलालों के चंगुल में फंसने से बच गए.
दरअसल मामला बोकारो जिले के तेनुघाट ओपी थाना के साड़म पूर्वी पंचायत स्थित करमाटांड़ गांव का है. जहां बीते सोमवार को चारों बच्चे गांव से अचानक गुम हो गए थे. शाम तक बच्चों को घर नही पहुंचने पर परिजन उन्हें ढूंढने निकले. काफी खोजबीन करने के बाद जब बच्चे नहीं मिले, तो परिजनों ने थक-हारकर तेनुघाट पुलिस से बच्चों को ढूंढने की गुहार लगाई.
मामला संज्ञान में आते ही तेनुघाट ओपी प्रभारी अजित कुमार सिंह करमाटांड़ गांव पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गए. छानबीन करने के पश्चात ओपी प्रभारी श्री सिंह ने उन सभी बच्चों का फोटो जीआरपी बोकारो के साथ साथ कई जगह सर्क्युलेट करवाया. बच्चों का फोटो सर्क्युलेट होते ही पुलिस और जीआरपी हरकत में आ गई और इस तरह पुलिस एवं जीआरपी की मुस्तैदी से बच्चे कलकत्ता में दलालो के चंगुल में फंसने से पहले ही पुलिस की पकड़ में आ गए.
बच्चों के कलकत्ता में मिलने की सूचना मिलते ही परिजनों को हिम्मत आई, और वे फिर गांव के ही समाजसेवी अनिल यादव के नेतृत्व में कलकत्ता के लिए निकल पड़े और बच्चों को घर वापस ले कर आए.
पूरा मामला
जानकारी के अनुसार चारो नाबालिग बच्चे मोबाइल में गेम खेलने के दौरान पश्चिम बंगाल के एक दलाल के चंगुल में फंस गए. दलाल उन बच्चों को अच्छी नौकरी का सब्जबाग दिखाते हुए मोटी सैलरी और रहने का मकान देने का वादा कर कलकत्ता बुला लिया. उधर बच्चे भी दलाल के झांसे में आकर बिना किसी को कुछ बताए अपने घर से चुपचाप कलकत्ता के लिए निकल पड़े. बीते सोमवार को चारो बच्चे अपने अपने घर से निकलकर तेनुघाट में जमा हुए उनमे से एक बच्चा तो स्कूल में क्लास कर सीधे तेनुघाट चला गया. फिर वे लोग वहीं नहर में नहाकर तैयार गए. बच्चे तेनुघाट से निकलकर बोकारो से धनबाद-निरसा के रास्ते कलकत्ता पहुंच गए. कलकत्ता में जीआरपी पुलिस चारो बच्चों को इधर उधर घूमता हुआ देख पकड़ लिया और पूछताछ के बाद इसकी जानकारी तेनुघाट ओपी प्रभारी को दी.बच्चों के मिलने पर परिजनों के साथ साथ ग्रामीण तेनुघाट ओपी प्रभारी अजित कुमार सिंह के कार्यशैली पर सराहना करते हुए धन्यवाद कहा है.
बोकारो, गोमिया से संजय कुमार की रिपोर्ट
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